अकसर ऐसा होता है कि मुसीबत के वक़्त कोई शख़्स फ़रिश्ता बन कर, सब कुछ ठीक कर चला जाता है. ऐसा ही कुछ हमीदा के साथ भी हुआ. 55 वर्षीय ये महिला पिछले 15 सालों से अपने घर परिवार से दूर थी. एक दिन अचानक एक स्कूल टीचर ने हमीदा की ज़िंदगी में दस्तक दी और मिला दिया उसे उसके बिछड़े हुए परिवार से.
ये कहानी थोड़ी फ़िल्मी है. आज से करीब दो महीने पहले मालेगांव पुलिस स्टेशन में दिल्ली के एक शेल्टर होम से कॉल आती है. कॉन्स्टेबल फ़ोन उठाता है और उधर से बताया जाता है कि टेक्सटाइल टाउन की रहने वाली एक बुज़ुर्ग महिला अपने घरवालों से बिछड़ गई है और इस वक़्त वो दिल्ली के ‘अपना घर आश्रम’ में रह रही है. इसे इत्तेफ़ाक कहें या किस्मत कि पुलिस स्टेशन में उस वक़्त इमरान करीम शाह नाम की स्कूल टीचर भी मौजूद थी, जो ये सारी बातें काफ़ी गौर से सुन रही थी. वहीं अपने इलाके सलीम नगर का नाम सुनते ही शाह की रूचि और बढ़ गई.
शाह ने बिना देरी किये पुलिस स्टेशन से पूरी जानकारी हासिल कर, शेल्टर होम से संपर्क किया और निकल पड़ी महिला के परिवार का पता लगाने. वो कहते हैं न किसी चीज़ को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने में लग जाती है. स्कूल टीचर पूरी शिद्दत के साथ करीब डेढ़ महीने तक, महिला की फ़ैमली की तलाश में जुटी रही और आख़िरकार उन्होंने उसके परिवार को खोज निकाला, जो अब मुंबई में रहता था.
हमीदा ने करीब ज़िंदगी के तीन साल शेल्टर होम में गुज़ारे. इस दौरान स्टाफ़ ने कई बार उनसे नाम और पता पूछने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कुछ भी याद नहीं था. इसके बाद उनकी काउंसलिंग की गई, जिसमें उन्होंने अपना नाम और जगह बताई.
हमीदा के 62 वर्षीय पति असलम कुरैशी बताते हैं, ‘हम कुर्ला में रहते थे. 20 साल पहले मैंने उसे उसके मामा के घर भेजा था. वहां 4-5 साल रहने के बाद वो अचानक गुम हो गई. मालेगांव, नासिक, जालगांव और धूले हमने उसे कई जगह ढूंढ़ने का प्रयास किया, लेकिन वो कहीं नहीं मिली.’
हमीदा बताती हैं कि ‘उस दिन मैं मनमाड़ गई और एक ट्रेन में चढ़ गई, उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं है.’
बातचीत के दौरान शाह ने बताया, ‘इलाके के सीनियर नागरिकों से बातचीत दौरान पता चला कि महिला का परिवार अब मुंबई शिफ़्ट हो गया है. इसके साथ ही मुझे उनके बड़े बेटे का नंबर मिला, जो कि शादीशुदा है. मुंबई जाते वक़्त मैंने शेल्टर होम से WhatsApp पर मैंने हमीदा की तस्वीर मंगवाई. मां की फ़ोटो देख कर बेटे की आंख में आंसू आ गए.’