बीते शुक्रवार को नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी पर हो रहे विरोध प्रदर्शन ने देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसात्मक रूप ले लिया. लोग पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने लगे, पुलिस ने लाठियों के साथ ‘गोलियां’ बरसाईं. सैंकड़ों गिरफ़्तार हुई, कई लोग मार गये. 

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रिपोर्ट्स के अनुसार जो लोग मारे गये उसमें एक 8 साल का बच्चा भी था. उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले से लगभग 131 लोग हिरासत में लिए गए. इस ज़िले से भी 2 लोगों, 21 वर्षीय अनस और 20 वर्षीय मोहम्मद सुलेमान की मौत हुई.


The Print से बातचीत करते हुए, बिजनौर के एसपी, संजीव त्यागी ने बताया कि अरेस्ट किए गए 131 में से 70 लोग नहटौर से हैं.  

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सुलेमान के परिवार ने पुलिसवालों को ‘आतंकवादी’ कहा. उसकी बड़ी बहन, शीबा ने कहा,

‘वो पुलिसवाले नहीं थे. आतंकवादी थे. ज़ालिम हैं वो.’  

सुलेमान की मां, अक़बरी ख़ातून ने बताया कि उनका बेटा UPSC पास करना चाहता था. 

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वो दिन रात UPSC की तैयारी करता रहता था. उन्होंने मेरे मेहनती बेटे को मार डाला. 

-सुलेमान की मां

वहीं अनस के घर में ख़ुशी का मौक़ा मातम में बदल गया. जिस दिन अनस की मौत हुई उसी दिन उसका बेटा 7 महीने का हुआ था.


अनस के पिता, अरशद हुसैन ने The Print को बताया, 
‘वो सिर्फ़ दूध लेने बाहर निकला था. विरोध से उसका कुछ लेना-देना नहीं था.’  

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दोनों परिवारों ने बताया कि पुलिस ने उन्हें उनके बेटों को नेहटौर में दफ़नाने की इजाज़त नहीं दी. दोनों ही मृतकों को शहर से 20 किलोमीटर दूर दफ़नाया गया.


एसपी त्यागी ने बताया कि किसी भी परिवार ने मामला दर्ज नहीं करवाया है.