भारतीय रेलवे के 166 साल के लंबे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी वित्तीय वर्ष के दौरान रेल हादसे में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है. सुरक्षा की दृष्टि से ये इंडियन रेलवे की बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी.

इंडियन रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक़, मार्च 2019 से अब तक किसी भी यात्री की रेल हादसे में मौत नहीं हुई है. इसके साथ ही भारतीय रेलवे के 166 साल के इतिहास में 2019-20 ‘ज़ीरो पैसेंजर डेथ’ का गवाह बना है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए लिखा- सेफ़्टी फ़र्स्ट: 66 साल में पहली बार, चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेल में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है.
Modi Govt restructures the 150 year old #IndianRailways. Cabinet has approves the rejig of railway board by downsizing its strength from eight to five. @PiyushGoyal @RailMinIndia @abhhimanyus pic.twitter.com/UqmzB43CBi
— ET NOW (@ETNOWlive) December 24, 2019
पीयूष गोयल ने एक अन्य ट्वीट में कहा ‘रेल सेवाओं के एकीकृत होने से रेलवे की सुविधाओं, कार्यशैली और निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार आयेगा. ये निर्णय विश्वस्तरीय रेल सेवायें देने के हमारे संकल्प की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है, इससे इंडियन रेलवे और बेहतर होने के साथ ही देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी’
रेलवे अब प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम बन रहा है। बीते वर्षो में रेल, प्रचार के उपलब्ध साधनों में सर्वाधिक सरल और प्रभावी माध्यम बनके उभरा है।
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) December 24, 2019
इसी साधन का लाभ अब बॉलीवुड भी ले रहा है। हाल ही में हिंदी अदाकारा कंगना रनौत ने रेलवे के माध्यम से अपनी नई फिल्म ‘पंगा’ का प्रमोशन किया pic.twitter.com/GJbk5vtr3H
दरअसल, 6 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने देश भर के सभी रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा और इसके उपायों के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था. इस पर नवंबर महीने में रेल मंत्रालय ने जवाब दिया था कि सुरक्षा में सुधार के लिए रेल पटरियों को आधुनिक बनाया जा रहा है.
वित्तीय वर्ष 2018-19 में हुए थे 59 हादसे
इंडियन रेलवे की रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले 38 सालों में ट्रेनों के बीच टक्कर, आग लग जाने, लेवल क्रॉसिंग जैसे हादसों में क़रीब 95 फ़ीसदी की गिरावट आई है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में 73 रेल हादसे हुए थे जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में इसमें कमी आई और सिर्फ़ 59 हादसे हुए.
माल ढुलाई के क्षेत्र में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लाएगा क्रांतिकारी परिवर्तन।
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) December 26, 2019
मालगाड़ियों के लिए डेडिकेटेड कॉरिडोर होने से मालढुलाई में आएगी तेजी, उद्योगों को होगा लाभ, आर्थिक प्रगति की बढ़ेगी रफ्तार। pic.twitter.com/ZcZM7NimaO
मोदी सरकार के कार्यकाल में रेलवे पर काफ़ी काम किया जा रहा है. पहले के मुक़ाबले अब ट्रेन्स समय से चलने लगी हैं. स्टेशनों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, सुविधाओं का विस्तार, रेलवे में सफ़र करना पहले के मुक़ाबले सुरक्षित हुआ है और हादसों पर भी बहुत लगाम लगी है.