महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देश में अकसर बहस होती रहती है, लेकिन फिर भी महिलाएं यहां सुरक्षित महसूस नहीं करतीं. रेप जैसी अमानवीय घटना के बाद भी लोग अकसर पीड़िता को ही इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराते हैं. फ़ोटोग्राफ़र गणेश टोस्‍टी ने एक फ़ोटो सीरीज़ के द्वारा एक बलात्कार पीड़ित का दर्द दिखाने की कोशिश की है. ये तस्वीरें एक ऐसी कहानी कह रही हैं, जो शायद आपको सोचने पर मजबूर कर देगी.

गणेश बताते हैं कि ये कहानी तनिरिका नाम की एक लड़की की है, जिसका कुछ लड़के बलात्‍कार करने की कोशिश करते हैं. उनमें से एक लड़के का ज़मीर जाग जाता है और वो इस हमले को रोकता है. अंत में दिखाया गया है कि किसी भी परिस्थिति में गलती लड़की की ही बताई जाती है. ये फ़ोटो-सीरीज़ भारतीय समाज को आइना दिखाने की कोशिश करती है, जहां पीड़ि‍ता को रेप के लिए जिम्‍मेदार ठहराया जाना, आम बात है.

टोस्‍टी ने कहा कि वो अकसर बलात्‍कार की घटनाओं के बारे में सुनते हैं, बच्‍चों का बलात्‍कार किया गया, बुज़ुर्ग औरत के साथ बलात्‍कार, हर स्‍तर की महिलाओं के साथ बलात्‍कार की घटनाएं होती हैं. बलात्‍कार महिलाओं के पहनावे की वजह से नहीं, मानवता की कमी की वजह से होता है. कोई लड़की नहीं चाहेगी कि उसका रेप हो. ये फ़ोटो-सीरीज़ इसी को बयां करती है.