कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बिजनौर (Bijnor) से शानदार पुलिसिंग का उदाहरण सामने आया है. यहां एक पुलिस वाले ने कांवड़ ले जा पिता-पुत्र की मदद करने के लिए ख़ुद कांवड़ उठा लिया और चलने लगा. इस दौरान उसने पिता-पुत्र को आराम देने के लिए अपनी सरकारी गाड़ी में बैठा दिया. (Kotwal helped tired father and son during Kanwar yatra)

कोतवाल ने की पिता-पुत्र की मदद

ये घटना शनिवार देर रात नगीना हाईवे-74 पर हुई. धामपुर थाने के कोतवाल अनुज तोमर पुलिस बल के साथ कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए गश्त कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने हरिद्वार से गंगाजल लेकर आ रहे पिता-पुत्र को देखा. वे दोनों कांवड़ लेकर बरेली जा रहे थे.

Police officer lifted the Kanwar of tired father and son: पिता-पुत्र काफ़ी थक चुके थे. उनसे चला भी नहीं जा रहा था. ऐसे में जब कोतवाल अनुज तोमर की नज़र उन पर पड़ी तो वो हालचाल लेने उनके पास पहुंंचे.

कांवड़ उठा कर 3 किमी पैदल चले

कोतवाल अनुज ने पूछा कि ‘क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूं? मैं कुछ दूर तक आपकी कांवड़ उठाऊ उठाऊं तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी?’

भोले की सहमति पर वो तिवड़ी बॉर्डर से धामपुर साईं मंदिर तक लगभग तीन किलोमीटर कांवड़ कंधे पर लेकर चले. इस दौरान पिता और पुत्र को गाड़ी में बैठा कर मंदिर तक छोड़ दिया.

बरेली के बारादरी के रहने वाले कांवड़िये पिता-पुत्र की जोड़ी ने कोतवाल का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि ‘हम लोग काफी थक चुके थे. इस दौरान कोतवाल साहब ने हमारी मदद की. उन्होंने हमारी कांवड़ तीन किमी तक उठाई. हम लोगों को जलपान भी कराया है. उन्होंने हमारा काफ़ी साथ दिया है.’

बता दें, कोतवाल के इस शानदार काम का सड़क पर चलते किसी राहगीर ने उनका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. अब लोग लोग सोशल मीडिया पर जमकर कोतवाल की तारीफ़ कर रहे हैं.

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