PSU Engineers Who Made Equipments for Chandrayaan-3 still awaits salary : 23 अगस्त 2023 का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक था. इस दिन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी. चांद के साउथ पोल पर लैंड करने के बाद भारत ये मील का पत्थर हासिल करने वाला पहला देश बन गया था. इस लैंडिंग के बाद देशवासियों ने जमकर दिवाली मनाई. एक-दूसरे को बधाई दी. साथ ही पीएम मोदी ख़ुद इसरो के वैज्ञानिकों की सफ़लता से गदगद दिखे और उन्हें बधाई दी.

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हालांकि, रांची में हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC) के जिन वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के विभिन्न उपकरण बनाए थे, वो अभी तक अपनी सैलरी का इंतज़ार कर रहे हैं. दुःख की बात तो ये है कि, इन होनहार इंजीनियर्स की सरकारी नौकरी होने के बावजूद लगभग 2 सालों से ये पैसों के मोहताज़ हैं. आइए इस बारे में आपको डीटेल में बताते हैं.

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सामने आई चौंका देने वाली रिपोर्ट

‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस पब्लिक सेक्टर के क़रीब 3000 कर्मचारियों को अपने परिवार को चलाने के लिए पार्ट टाइम बतौर दिहाड़ी मजदूर काम करना पड़ रहा है. इसमें ऑटोरिक्शा चलाना, सड़क पर कपड़े, सब्ज़ियां, फल इत्यादि बेचना शामिल है. रिपोर्ट ये भी बताती है कि इन कर्मचारियों ने अपने प्रोविडेंट फंड को भी खाली कर लिया है और कुछ लोग लोन मांगकर गुज़ारा कर रहे हैं. आलम ये है कि कुछ स्टाफ़ के बच्चे जो पहले प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते थे, कम पैसों के चलते उनके मां-बाप ने उनको सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया है.

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कर्मचारियों को करने पड़ रहे अलग-अलग काम

इनमें से एक टेक्नीशियन, जोकि 1993 से HEC का कर्मचारी था वो रेडीमेड गारमेंट्स बेचने पर मजबूर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, वो सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक ऑफिस अटेंड करते हैं. इसके बाद वो सेल्समैन बनकर टॉवल और लेडीज़ गारमेंट्स बेचते हैं. इस कंपनी के एक और स्टाफ़ मोमोज़ बेचता है, वहीं एक कर्मचारी अपने परिवार का ख्याल रखने के लिए पार्ट-टाइम में बतौर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता है. इसके अलावा एक और स्टाफ़ मेंबर 5 बजे के बाद एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर के रूप में काम करता है. उसके मुताबिक़, ऐसे और कई HEC कर्मचारी हैं, जो मजबूरन अपनी रोज़ी-रोटी के लिए सब्ज़ियां और गोलगप्पे बेच रहे हैं.

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कितनी पुरानी है ये कंपनी?

HEC भारत में सबसे पुरानी कंपनीज़ में से एक है. इसकी तीन ब्रांच है जिसमें हैवी मशीन टूल्स प्लांट (HMTP), हैवी मशीन बिल्डिंग प्लांट (HMBP) और फाउंड्री फ़ोर्ज प्लांट (FFP) शामिल है. ये कई बड़े स्टील प्लांट्स को भी उपकरण प्रदान करती है. HEC ने फोल्डिंग कम वर्टिकल रिपोजिशनेबल प्लेटफार्म भी स्पेस व्हीकल, मोबाइल लॉन्च पेडस्टल, टावर क्रेन समेत कई उपकरण ISRO के लिए बनाए हैं. HEC वर्कर्स के जनरल एसोसिएशन सेक्रेटरी ने इसके लिए मैनेजमेंट को ज़िम्मेदार ठहराया है.

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सोशल मीडिया पर लोगों ने दिए रिएक्शन

इस पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने अलग-अलग रिएक्शंस दिए हैं. आइए आपको इस बारे में बताते हैं.

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