Aligarh Villagers Angry Over Transfer Of Teachers: अच्छी शिक्षा से ही समाज की तस्वीर बदली जा सकती है. आज के समय में इस बात से हर कोई वाकिफ है. इसलिए सबको अच्छे शिक्षकों का महत्व पता है.
यूपी के अलीगढ़ के एक गांव में भी ऐसे ही शिक्षक थे. वो बच्चों को दिल से पढ़ाते थे. मगर हाल ही में उनका तबादला कर दिया गया. ये बात जानने के बाद गांव वाले दुखी हुए. उन्हें गांव में ही रोकने के लिए वो सिस्टम से भिड़ गए.
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5 साल पहले बुरा था यहां के स्कूल का हाल
शिक्षकों के तबादले को रोकने के लिए पूरा गांव साथ आ गया. ये पूरा मामला अलीगढ़ के अतरौली तहसील का है. यहां के शफीपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में आज से 5 साल पहले बहुत कम ही बच्चे पढ़ते थे. तब वहां पर गुंजन गुप्ता और सुनील कुमार बतौर शिक्षक नियुक्त हुए. उन्होंने बच्चों को मन से पढ़ाना शुरू किया.
हो गया तबादला
बच्चों को भी उनका पढ़ाया सब समझ में आता था. इसलिए स्कूल में बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी. आज के समय में यहां पर 85 बच्चे पढ़ते हैं, जबकि 5 साल पहले वहां 20-25 बच्चे पढ़ने जाते थे. बीती 18 सितंबर को शिक्षा विभाग ने इन दोनों टीचर्स का तबादला कहीं और दिया. अपने आख़िरी दिन जब गांव वालों को इस बात का पता चला तो वो गुस्सा हो गए.
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गांव वालों ने घेर लिया स्कूल
उन्होंने स्कूल की घेराबंदी कर दी. वो टीचर्स का तबादला रद्द करने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि इन शिक्षकों की वजह से ही स्कूल की शिक्षा का स्तर बढ़ा है. इसलिए वो नहीं चाहते कि वो यहां से जाएं. स्कूल में काफ़ी भीड़ इकट्ठी हो गई. हंगामा होने के बाद शिक्षा विभाग के लोग वहां पहुंचे, उनके समझाने पर भी गांव वाले नहीं माने.
सिस्टम को भी झुकना पड़ा
इसके बारे में BSA डॉ. राकेश कुमार सिंह को पता चला. उन्होंने भी समझाने की कोशिश की, लेकिन गांव वाले अपनी बात पर अड़े रहे. आखिरकार शिक्षा विभाग को दोनों टीचर्स का तबादला रद्द करना पड़ा. ये बात जानने के बाद गांव वाले ख़ुश हो गए और सबको मिठाई बांटने लगे.
हमारे देश को ऐसे ही करमठ टीचर्स की ही ज़रूरत है.