सुकून… किसी को घर की बालकनी में कुर्सी पर चाय के एक प्याले से, किसी को किताबों में, किसी को तारों भरे आकाश को देखकर, तो किसी को सड़क पर टहल कर और हम सभी को मां-पापा के करीब रह कर सुकून ज़रूर मिलता है.
घर से दफ़्तर और दफ़्तर से घर के बीच में हम लोग हर रोज़ सुकून के कुछ लम्हें चुरा ही लेते हैं. कुछ लम्हें जिसमें हम ख़ुद को अच्छा महसूस कराते हैं.
सुकून की बात हो रही हो, तो एक ऐसी जगह का ज़िक्र तो बनता है जहां के हर कोने में है सुकून. हम बात कर रहे हैं दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब की. एक ऐसा धार्मिक स्थल जिसके दरवाज़े सभी के लिए खुले रहते हैं. चाहे आपको ऊपरवाले पर विश्वास हो या न हो, यहां सुकून ज़रूर मिलेगा.
अगर अभी तक इस गुरुद्वारे नहीं गए हो तो ये तस्वीरें देख कर ख़ुद को वहां जाने से रोक नहीं पाओगे-
दिन हो या रात यहां की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है.चाहे दुआ में उठे हों हाथ या सजदे में झुका हो सिर, यहां पर है शांति ही शांति.
हाथों में मुरादें लेकर आते हैं कई लोग.
विश्वास हो न हो, सुकून के लिए ज़रूर जाओ.
कॉरिडोर्स बन जाते हैं Perfect Clicking Locations.
रागी की आवाज़ आपको अपनी चिंताएं भूलने पर मजबूर कर देगी.बस जा कर देखो.
सरोवर में देखो अपना अक्स.
और घर जाते वक़्त न खाली पेट जाओगे न ही खाली दिल.
कभी-कभी विश्वास से परे होकर भी देखना चाहिए. बंगला साहिब की तस्वीरें, आपके पास भी होंगी, कमेंट बॉक्स में साझा करें.