भारत ने वर्ल्ड क्रिकेट को सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली समेत कई बेहतरीन क्रिकेटर दिए हैं. ये क्रिकेटर आज की युवा पीढ़ी के लिए रोल मॉडल के समान हैं. क्रिकेट के मैदान से लेकर दौलत-शौहरत के मामले में भी ये क्रिकेटर किसी बॉलीवुड स्टार्स से कम नहीं हैं. लेकिन जब बात टैलेंट की आती है तो भारत में कई क्रिकेटर ऐसे रहे हैं, जो टैलेंटेड तो बहुत हैं लेकिन उन्हें सही समय पर मौके नहीं मिले. मौके मिले भी तो किश्तों में मिले.
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भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई क्रिकेटर हुए हैं जिनके अंदर टैलेंट कूट कूटकर भरा था, बावजूद इसके उन्हें टीम में जगह नहीं मिली. जब मौका मिला उन्होंने खुद को साबित किया, लेकिन कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद इन्हें हमेशा के लिए टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
चलिए जानते हैं भारतीय क्रिकेट इतिहास के वो 11 मोस्ट अंडररेटेड क्रिकेटर्स कौन कौन हैं?-
1- अमित मिश्रा
इस लिस्ट में पहला नाम भारत के सबसे बेहतरीन लेग स्पिनर्स में से एक अमित मिश्रा (Amit Mishra) का आता है. मिश्रा जी को जब जब टीम इंडिया में मौक़ा मिला है उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी की है. अमित मिश्रा ने 36 वनडे मैचों में 23.62 के शानदार औसत से 64 विकेट हासिल किये. अमित मिश्रा ने साल 2016 में अपना आख़िरी वनडे मैच खेला था. इस मैच में उन्होंने 5 विकेट हासिलकर भारत को सीरीज़ जितवाई थी और सीरीज़ में सर्वाधिक 15 विकेट हासिल किये थे. बावजूद इसके उन्हें भारतीय टीम में फेवरिटिज़म के चक्कर में जगह ही नहीं मिल पाई.
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2- गौतम गंभीर
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) आज भी भारतीय क्रिकेट इतिहास के बेहतरीन ओपनर बल्लेबाज़ के तौर पर जाने जाते हैं. साल 2007 ICC T20 World Cup के फ़ाइनल में 54 गेंदों पर 75 रनों की शानदार पारी और साल 2011 ICC World Cup के फ़ाइनल में 97 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर भारत को ‘वर्ल्ड कप’ जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा भी गंभीर ने कई अन्य मौकों पर भी टीम इंडिया को जीत दिलाई थी. बावजूद इसके गंभीर को ज़्यादा मौके नहीं मिले और खराब फ़ॉर्म की वजह से उन्हें हमेशा के लिए टीम से बाहर कर दिया गया था.
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3- चितेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) भारतीय टेस्ट क्रिकेट की ‘नई दीवार’ के तौर पर जाने जाते हैं. पुजारा वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक हैं. वो कई मौकों पर टीम इंडिया को जीत दिला चुके हैं. चितेश्वर पुजारा के पास हर तरह के क्रिकेटिंग शॉट हैं. बावजूद इसके उन्हें भारतीय वनडे और टी 20 टीम में शामिल नहीं किया जाता है.
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4- अजिंक्य रहाणे
इस लिस्ट में भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान (अजिंक्य रहाणे Ajinkya Rahane) भी शामिल हैं. रहाणे को पिछले कुछ सालों से भारतीय ‘वनडे और टी 20 टीम’ में जगह नहीं दी गई है, जबकि वो चितेश्वर पुजारा के मुक़ाबले काफी तेज़ क्रिकेट खेलते हैं. रहाणे अब तक 5 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं और 4 मैचों में टीम को जीत दिलाई है. साल 2020-21 में ऑस्ट्रेलियाई में शानदार सीरीज़ जीत भला कौन भूल सकता है.
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5- इरफ़ान पठान
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफ़ान पठान (Irfan Pathan) का क्रिकेटिंग आगाज़ बेहद शानदार रहा था. साल 2003 में पठान ने 19 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अपने इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज़ किया था. इसके बाद वो साल 2004 में पाकिस्तान दौरे पर टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले भारत के पहले तेज़ गेंदबाज़ बने थे. इरफ़ान ने गेंद और बल्ले दोनों से भारत को कई मौकों पर जीत दिलाई है.
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6- वसीम जाफ़र
पूर्व भारतीय ओपनर वसीम जाफ़र (Wasim Jaffer) देश के सबसे टेलेंटेड क्रिकेटरों में से एक माने जाते हैं, लेकिन उन्हें टीम इंडिया में जितने मौके मिलने चाहिए थे उतने मिले नहीं. भारत के लिए केवल 31 टेस्ट मैच खेलने वाले जाफ़र तकनीक के मामले में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्षमण के लेवल के बल्लेबाज़ थे. जाफ़र फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे अधिक 14609 रन बनाने वाले क्रिकेटर हैं. बावजूद इसके उन्हें एक सीरीज़ में ख़राब फ़ॉर्म के बाद टीम से ड्राप कर दिया गया.
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7- अजीत अगरकर
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) एक बेहतरीन ऑलराउंडर थे. लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उनका सही से इस्तेमाल नहीं किया. वरना वो आज दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक होते. वनडे क्रिकेट में 21 गेंदों पर सबसे तेज़ 50 लगाने का रेकॉर्ड आज भी अगरकर के नाम ही है. लॉर्ड्स के मैदान पर टेस्ट शतक लगाने वाले वो भारत के चंद क्रिकेटरों में से एक हैं.
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8- दिनेश कार्तिक
दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने साल 2004 में महेंद्र सिंह धोनी से पहले टीम इंडिया में डेब्यू किया था. पिछले 17 सालों से वो टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं. कार्तिक विकेटकीपिंग के साथ बल्लेबाज़ी में भी काफ़ी मज़बूत माने जाते हैं बावजूद इसके धोनी की कामयाबी के सामने इस टेलेंटेड क्रिकेटर का करियर बर्बाद हो गया. दिनेश कार्तिक फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी कप्तानी में तमिलनाडु को कई बार चैंपियन बना चुके हैं.
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9- रिद्धिमान साहा
क्रिकेट एक्सपर्ट की मानें तो रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) तकनीकी रूप से भारत के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर हैं. लेकिन ऋषभ पंत की मौजूदगी में वो केवल स्टैंडबाई कीपर बनकर रह गए हैं. रिद्धिमान विकेट के पीछे बेहद चुस्त नज़र आते हैं और वो बल्लेबाज़ी भी अच्छी कर लेते हैं. बावजूद इसके उन्हें टीम इंडिया में कम ही मौके मिल पाते हैं.
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10- मनोज तिवारी
मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने साल 2008 में भारतीय टीम में डेब्यू किया था, लेकिन वो देश के लिए केवल 12 वनडे और 3 टी 20 मैच ही खेल सके. तिवारी ने अपने आख़िरी 4 मैचों में क़रीब 200 रन बनाए थे और गेंदबाज़ी में 5 विकेट भी हासिल किए थे. वो फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में भी लगातार शानदार प्रदर्शन करते रहे, बावजूद इसके मनोज तिवारी को टीम इंडिया में अधिक मौके नहीं मिल सके.
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11- फैज़ फज़ल
ये नाम आप में से शायद किसी ने कभी सुना होगा. बता दें कि फैज़ फज़ल (Faiz Fazal) भारत के लिए 1 वनडे मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 55 रनों की शानदार पारी खेली थी, बावजूद इसके उन्हें भारत के लिए दूसरा मैच खेलने का मौका तक नहीं मिल पाया. फैज़ फज़ल फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में रनों का अंबार लगा चुके हैं. साल 2018 में फैज़ अपनी कप्तानी में विदर्भ को ‘रणजी ट्रॉफ़ी चैंपियन’ बना चुके हैं.
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