Specially Abled Body Builder Of India: हम अक्सर छोटी-छोटी चुनौतियों से घबरा जाते हैं. कुछ लोग तो हमेशा अपनी ज़िंदगी को कोसते रहते हैं. हमारे पास ये नहीं है, इसिलए हम वो नहीं कर सकते. काश, मेरे पास उसके जैसी सुविधाएं होती, तो आज हम ऐसा कर रहे होते. इस सोच ने आज इंसानी चेहरों को शिकायती बॉक्स में तब्दील कर दिया है, वो बॉक्स जिसमें ज़िंदगी की सारी ख़ुशियां बंद हो गई हैं.
मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी कड़ी मेहनत के दम पर हर असंभव लगने वाले लक्ष्य को हासिल करने में सफ़ल हो जाते हैं. जैसे कि भारत के दिव्यांग बॉडी-बिल्डर्स. जी हां, वो बॉडी बिल्डर्स जो दिव्यांग है, मगर असमर्थ नहीं. इनकी बॉडी ऐसी है कि देखने वाले हैरान रह जाएं.
Specially Abled Body Builder Of India: आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही बॉडी बिल्डर्स से मिलवाने जा रहे हैं.
1. आनंद अर्नाल्ड
आनंद अर्नाल्ड (Anand Arnold) नाम से फ़ेमस ये बॉडी बिल्डर पंजाब के लुधियाना में पैदा हुआ. महज़ 13 साल की उम्र से उन्होंने बॉडी बिल्डिंग शुरू कर दी. मगर 15 साल की उम्र में उनकी रीढ़ की हड्डी में कुछ गड़बड़ हो गई. डॉक्टर ने जांच की तो पता चला कि उनकी निचली रीढ़ की हड्डी में कैंसर है! डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया, मगर उन्हें लकवा हो गया.
गर्दन से नीचे सिर्फ उनके हाथों में थोड़ी हलचल थी. हाथों के अलावा उनके शरीर का कोई हिस्सा नहीं हिलता था. समय के साथ उनके शरीर के कमर का ऊपरी हिस्सा काम करने लगा. ऐसे में आनंद ने एक बार फिर बॉडी बिल्डिंग की ठानी और व्हीलचेयर पर बैठकर ही वर्जिश करने लगे. वो बॉडीबिल्डिंग कम्पटीशन में हिस्सा लेने लगे. उन्होंने कई टाइटल अपने नाम भी किए. ये सभी टाइटल उन्होंने अपने टैलेंट के दम पर जीते न कि किसी के रहमो-करम पर. आनंद अब तक क़रीब 12 बार मिस्टर पंजाब, 3 बार मिस्टर इंडिया और 1 बार मिस्टर वर्ल्ड का ख़िताब अपने नाम कर चुके हैं.
2. गोपाल साहा
गोपाल साहा पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. गोपाल पैरों से दिव्यांग है, मगर उन्होंने बेहतरीन बॉडी बनाई है. मिस्टर इंडिया बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप जीतकर उन्होंने ख़ुद को साबित किया. वो एक उभरते हुए बॉडी बिल्डर हैं, जिनसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत उम्मीदें लगाई जा रही हैं.
3. राजेश जॉन
केरल के इस युवा बॉडी बिल्डर ने चिकित्सकीय लापरवाही के कारण बचपन में अपना पैर गंवा दिया था. इसके बाद उन्हें एक पैर में कैलिपर पहनना पड़ा. हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने बॉडी बिल्डिंग की और 2016 में वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप जीती. हालांकि सफ़लता की राह में उन्होंने कई समस्याओं को झेला है. उन्हें शुरू में कोई उचित समर्थन भी नहीं मिला. यहां तक कि 2017 चैंपियनशिप के दौरान उन्हें कोई प्रायोजक भी नहीं मिला था.
4. शाम सिंह शेरा
शाम सिंह शेरा वो बॉडी बिल्डर हैं, जिन्होंने पोलियो को मात देकर बॉडी बिल्डिंग में सफ़लता हासिल की. पंजाब से ताल्लुक रखने वाले इस बॉडी बिल्डर ने महज़ 15 साल की उम्र से वर्जिश शुरू कर दी थी. शेरा ने 2011 और 2015 में दो बार IFBB विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने 10 बार मिस्टर इंडिया चैंपियनशिप जीती, तीन बार उत्तर भारत चैंपियन का खिताब जीता और कई बार पंजाब स्टेट चैंपियनशिप में विजेता रहे. (Specially Abled Body Builder Of India)
5. रेशमा
मुंबई की रहने वाली रेशमा (Reshma) को बचपन में अचानक बुखार आया था, जिसके चलते उनका आधा शरीर पैरालाइज़ हो गया था. जांच में पता चला कि उन्हें पोलियो हो गया है. रेशमा के दोनों पैरों की सर्जरी करनी बड़ी. दोनों टांगों मेमं 32 टांके लगे. रेशमा को बचपन से ही एक्सरसाइज़ का शौक़ था, इसलिए वो पैरों में दर्द के बावजूद जिम जाती थीं. बता दें, उन्होंने शेरु क्लासिक्स 2022 प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में उनके अलावा और 24 दिव्यांग बॉडी बिल्डर पुरुष थे, और वो अकेली महिला थीं. लेकिन रेशमा के हौसले इतने बुलंद थे, कि आखिरकार उन्होंने इस प्रतियोगिता को जीत लिया.
6. मुकेश मीणा
जयपुर के रहने वाले मुकेश मीणा जब 8 साल के थे, तब तबीयत खराब होने पर उनके परिजन किसी डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर के गलत इंजेक्शन का असर उनका एक पैर खराब हो गया. हालांकि, इसके बाद भी मुकेश ने हार नहीं और जिम जाने लगे. पढ़ाई में भी वो अच्छे रहे हैं और एमएनआईटी से बीटेक किया है. मुकेश अब एक प्रोफ़ेशनल बॉडी बिल्डर हैं.
मुकेश ने मिस्टर राजस्थान जूनियर, मिस्टर राजस्थान, IBBF मिस्टर इंडिया और मिस्टर इंडिया जैसी बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और फ़र्स्ट प्लेस हासिल की.
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