भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस महीने बांग्लादेश के दौरे पर जा रही है. इस दौरान दोनों देशों के बीच वनडे और टी20 सीरीज़ खेली जाएगी. इस दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है. इस बार असम की 21 साल की विकेटकीपर बल्लेबाज़ उमा छेत्री (Uma Chetry) ने भी टीम इंडिया में जगह बनाई है. उन्हें विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋचा घोष की जगह टीम में शामिल किया गया है. इसके साथ ही उमा छेत्री भारतीय टीम में चुनी जाने वाली असम की पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं.
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असम के एक बेहद ग़रीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली उमा छेत्री के लिए ये सफ़र बेहद मुश्किलों भरा रहा है. उनके माता-पिता खेतों में दिहाड़ी मज़दूरी करते हैं. उमा ने भी क्रिकेट का सामान खरीदने के लिए माता-पिता के साथ खेतों में दिहाड़ी मजदूरी की है. उमा को बचपन से ही क्रिकेट से प्यार था. इसीलिए उन्होंने क्रिकेट की ख़ातिर 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. उमा छेत्री को इस मुक़ाम तक पहुंचाने में असम क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) का भी अहम योगदान रहा.
माता-पिता दिहाड़ी मजदूर, भाई रिक्शा चालक
उमा छेत्री असम के ‘काजीगरंगा नेशनल पार्क’ से सटे छोटे से क़स्बे बोकाखात की रहने वाली हैं. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. माता-पिता दूसरों के खेतों पर दिहाड़ी मज़दूरी करते हैं. उमा भी कभी कभार उनका हाथ बंटा देती हैं. उमा का एक बड़ा भाई है, जो रिक्शा चलाता है. बहन क्रिकेटर बनाने के लिए वो दिन-रात मेहनत करता है. माता-पिता और भाई की मेहनत रंग लाई और आज उमा भारतीय टीम सेलेक्ट हो गई हैं.
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‘अंडर-23 एशिया कप’ में शानदार प्रदर्शन
उमा छेत्री हाल ही में ‘अंडर-23 इमर्जिंग एशिया कप’ जीतने वाली इंडिया-A टीम का हिस्सा थीं. इस उनका प्रदर्शन शानदार रहा. उमा ने फ़ाइनल में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ ओपनिंग करते हुए 20 गेंदों में 22 रनों की पारी खेली थी. टूर्नामेंट में बल्लेबाज़ी के साथ-साथ विकेटकीपिंग में भी शानदार प्रदर्शन क्या. यही वजह रही कि उन्हें ऋचा घोष जैसी धाकड़ विकेटकीपर बल्लेबाज़ की जगह बांग्लादेश दौरे के लिए चुना गया.
विकेटकीपिंग में माहिर हैं उमा
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में उमा के कोच महबूब आलम ने कहा, ‘उमा एक बेहतरीन क्रिकेटर हैं. घरेलू मैचों में उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा. ग़रीबी के कारण भले ही उनका सफर मुश्किलों भरा रहा. लेकिन विकेट के पीछे उनकी प्रतिभा और क्षमता देखने लायक है. वो एक अद्भुत विकेटकीपर होने के साथ ही तेज़ी से रन बनाने के लिए भी जानी जाती हैं’.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को लंबे वक्त से ऐसे विकेटकीपर की तलाश थी, जो विकेटकीपिंग के साथ तेज़ी से रन बना सके. बीते सालों में भारत ने सुषमा वर्मा, यस्तिका भाटिया और ऋचा घोष को आजमाया. लेकिन कोई भी उम्मीदों पर पूरी तरह खरा नहीं उतर सका. अब सेलेक्टर्स की नज़रें 9 जुलाई से शुरू होने जा रहे मैचों में उमा के प्रदर्शन पर रहेंगी.
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