मैं और मेरी कल्पनाएं अकसर ये बातें करती हैं कि ऐसा होता, तो कैसा होता. कुछ वैसा होता, तो कैसा होता. ख़ैर, कल्पनाएं, तो कल्पनाएं ही होती हैं. असल ज़िंदगी में उन्हें पूरा कर पाना काफ़ी मुश्किल सा लगता है. ये भी कह सकते हैं कि हम शायद हम दिल से उन्हें पूरा करने की कोशिश ही नहीं करते.
वहीं जर्मनी के रहने वाले 22 वर्षीय Justin Peters नामक Digital Surrealist Artist ने फ़ोटोशॉप के ज़रिए अपनी कल्पनाओं को हक़ीक़त में तब्दील कर दिया. इन अद्भुत तस्वीरों को देख कर बस यही महसूस होगा कि क्या सच में ऐसा संभव है? इस बारे में ज़्यादा क्या कहें, ये तस्वीरें सब कुछ ख़ुद-ब-ख़ुद बयां कर देंगी.
1. एक रास्ता ऐसा भी है.
2. मून फ़ॉल भी देख लिया.
3. जंगल के नीचे जंगल देखना अद्भुत है.
4. सोच को तस्वीरों में उतारना आसान नहीं था.
5. बस कुछ ऐसा ही सोचा था.
6. आंखों के सागर.
7. बादलों का पेड़ भी तैयार है.
8. मून बैलून के बारे में सोचा था?
9. बस आनंद ही आनंद है.
10. ये ग़ज़ब की कलाकारी है.
11. चमत्कार सा महसूस हो रहा है.
12. जैसा सोचा था, वैसा ही बनाया.
13. आर्टिस्ट की कलाकारी की दाद देनी पड़ेगी.
14. चिड़ियों का पेड़ पहली बार देखा.
15. देखो-देखो चांद पिघल रहा है.
16. अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत होनी चाहिए.
17. ये पल यहीं ठहर जाए.
18. जन्नत यहीं है.
19. ये सब ख़्वाब सा लग रहा है
20. भविष्य की चाह.
21. स्पेस पर वॉक भी कर लो.
22. ख़ूबसूरत से भी ख़ूबसूरत पल.
23. जादू से कम नहीं लग रहा.
24. बादलों का गुब्बारा इसकी कल्पना की थी कभी?
25. वक़्त कुछ ऐसे गुज़रता है.
26. सुकून के चंद पल.
27. कैसा लगा?
28. बंदा काफ़ी टैलेंटड है.
29. पानी पर चलने के लिए तैयार हो?
30. वाह! वाह! वाह! मज़ा आ गया.
31. Volcano बीच का ऐसा नज़ारा पहले नहीं देखा.
32. पारदर्शिता हो तो ऐसी.
33. आंख का ऐसा रूप देखा था?
34. मिल्की व्हेल नज़र आई क्या?
35. ये उम्मीद के दोगुने से भी कहीं ज़्यादा है.
36. धरती की सुरक्षा करना धर्म है हमारा.
37. पृथ्वी के लिए प्यार.
38. इन्हें उड़ने दो.
39. कयामत!
40. कोई इतना बड़ा कलाकार कैसे हो सकता है.
41. सफ़र पर निकलना आसान होता, चलना मुश्किल.
42. जी लो अपनी ज़िंदगी.
43. दुनिया ऐसी ही है.
44. स्पेस पर लालटेन.
45. ऐसा झूला देख कर मन ख़ुश हो गया.
46. मान गए उस्ताद.
47. थोड़ी सी कलाकारी हमें भी सिखा दो.
48. पेड़ पर घर बना कर रहने में कितना मज़ा आएगा न.
49. ये एक हसीन ख़्वाब लग रहा है.
50. ऐसा पल न मिलेगा दोबारा.
51. काफ़ी रोचक सोच है.
बस गुरू तस्वीरें यहीं समाप्त हो गई हैं, हमें पता है इन्हें देखने के बाद आप अलग ही दुनिया में खो गए होंगे. होता है ख़ूबसूरत चीज़ों को देखने के बाद अकसर ऐसा होता है. फिर मिलेंगे ऐसी ही नई फ़ोटोज़ के साथ.