विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पूरे विश्व में 5-29 साल के लोगों में मौत की एक मुख्य वजह सड़क हादसा भी है. प्रतिवर्ष क़रीब 10 लाख 35 हज़ार लोग सड़क हादसे में अपनी जान खो बैठते हैं. भारत की बात करें, तो यहां क़रीब 5 लाख सड़क हादसे सालाना होते हैं, जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोग मौत को गले लगाते हैं, जबकि बाकी गंभीर रूप से घायल होते हैं. ये आंकड़े इसलिए बताए गए हैं ताकि सड़क सुरक्षा नियमों को सभी गंभीरता से लें. 

 अब आते हैं असल मुद्दे पर. इस लेख में हम आपको उन तीन दोस्तों द्वारा बनाई गई उस अनोखी डिवाइस (AI Device Can protect From Road Accident) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सड़क हादसे से आपको बचाने में मदद कर सकती है. वो डिवाइस क्या है और वो कैसे काम करती है, ये सारी जानकारी आपको इस लेख में दी जाएगी. 

आइये, जानते हैं इस ख़ास डिवाइस (AI Device Can protect From Road Accident) के बारे में. 

कौन हैं वो तीन दोस्त?  

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उन तीन दोस्तों का नाम है रतन रोहित, प्रदीप वर्मा और ज्ञान साईं. ये तीनों आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर के रहने वाले हैं. इन तीनों का सपना था इंजीनियर बनाना और इसलिए इन्होंने स्कूली पढ़ाई के बाद Gayatri Vidya Parishad College of Engineering से Electronics & Communication Engineering की पढ़ाई की.   

‘K-Shield’ डिवाइस  

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बेटर इंडिया के अनुसार, इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल एक ख़ास AI डिवाइस को बनाने में किया. ये ख़ास इसलिए है, क्योंकि ये सड़क हादसे से लाखों लोगों की बचाने का काम कर सकती है. इस डिवाइस का नाम ‘K-Shield’ (AI Device Can protect From Road Accident) रखा गया है.

कैसे काम करती है ‘K-Shield’ डिवाइस?   

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‘K-Shield’ एक आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस डिवाइस है, जो गाड़ी की लोकेशन, कंडीशन, व रफ़्तार के साथ चालाक और ट्रैफ़िक की स्थिति को ट्रैक कर सकती है. इसमें दो नाइट विज़न कैमरा लगाए गए हैं, जिनमें से एक ट्रैफ़िक को रिकॉर्ड करता है, तो दूसरा कैमरा गाड़ी के अंदर बैठे ड्राइवर के सिर और आंखों की मूवमेंट को रिकॉर्ड करता है. अगर चालाक को नींद आ रही है, तो वो धीरे-धीरे अपनी आंखें झपकाना शुरू करेगा, ये मूवमेंट भी डिवाइस ट्रैक कर लेती है. वहीं, ट्रैक की गई जानकारी कलाउड में जाती है, जिसके बाद चालाक को एप के ज़रिए जानकारी मिल जाती है कि वो कितने सही तरीक़े से गाड़ी चला रहे हैं. 

 ये डिवाइस गाड़ी में मौजूद USB ने कनेक्ट रहती है और 4G नेटवर्क पर काम करती है. वहीं, इस डिवाइस को भारतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है यानी नेटवर्क ग़ायब होने की स्थिति में भी डिवाइस जानकारी जुटा सकती है और जैसे ही सिस्टम नेटवर्क के कनेक्ट होगा जानकारी सर्वर पर फ़ीड हो जाएगी. 

कैसे आया ये आइडिया दिमाग़ में?  

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इस डिवाइस (AI Device Can protect From Road Accident) को बनाने के पीछे भी कहानी जुड़ी है. दरअसल, तीन दोस्तों में प्रदीप 2017 में सड़क हादसे का शिकार हुए थे. वो जिस बस में सफ़र कर रहे थे वो किसी दूसरी बस से टकरा गई थी. ध्यान देने वाली बात ये है कि जहां हादसा हुआ वहां कोई ट्रैफ़िक नहीं था. हालांकि, इस हादसे में किसी की जान तो नहीं गई थी, लेकिन कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. वहीं, हादसे की रिपोर्ट से पता चला कि ड्राइवर को नींद आ रही थी, इसलिए बस टकराई थी. बस इसी हादसे की वजह से ‘K-Shield’ बनाने का आइडिया इन दोस्तों को आया.  

फ़िलहाल बड़ी गाड़ियों के लिए  

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डिवाइस मेकर्स के अनुसार, उन्होंने फ़िलहाल बड़ी गाड़ियां जैसे कार, बस व ट्रक के लिए इस डिवाइस को बनाया है. जल्द ही वो मोटरसाइकल के लिए भी ऐसी डिवाइस का निर्माण करेंगे. वहीं, उनका फ़ोकस मीडिल क्लास के लोगों पर हैं, जो ऑडी व बीएमडब्लू जैसी लग्ज़री गाड़ियां नहीं ख़रीद सकते हैं, जिनमें पहले से ही ऐसी सुविधा मौजूद होती है.