थाइलैंड में एक मंदिर है. ये मंदिर जन्नत भी है और जहन्नुम भी. इस मंदिर का नाम है Wat Rong Khun. इसे थाइलैंड के वाइट टैंपल के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर को बनाने का आइडिया Chalermchai Kositpipat का था. जब वह मंदिर बनाना चाहते थे, तो उनके दिमाग में सिर्फ़ एक ही चीज़ थी कि उन्हें दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत मंदिर बनाना है, जिसे देखने सिर्फ़ थाइलैंड के लोग नहीं बल्कि पूरी दुनिया से लोग आएं.
इस मंदिर की ख़ास बात ये है कि जब आप इस मंदिर के अंदर होते हो, तो आपको विश्वास हो जाएगा कि इस धरती पर Wat Rong Khun से सुंदर कोई चीज़ नहीं है. इस मंदिर के अंदर जाने का रास्ता इतना ख़तरनाक है कि आपको ये किसी जहन्नुम से कम नहीं लगेगा. मंदिर में जाने के लिए एक पुल से गुज़रना होता है, जो कि बेहद डरावना है.
एक बार मंदिर में एंट्री लेने के बाद वापस बाहर जाने का कोई ऑप्शन नहीं है. अगर वापस जाने के लिए मुड़ते भी हैं, तो वहां पर खड़े सिक्योरिटी गार्ड पर आप चिल्ला पड़ते हैं. बुद्धिज़म/ बौद्ध धर्म में इसे ज्ञान पाने का एक रास्ता बताया है, जो नर्क से स्वर्ग की तरफ़ जाता है. यानि अगर कुछ बनना है, तो आपको पहले सीखना पड़ेगा और सीखते हुए कई कठनाईयां भी आएंगी.
इस मंदिर में बौद्ध धर्म से जुड़ी तस्वीरें हैं:
लेकिन इससे भी ज़्यादा इंटरस्टिंग है मंदिर को बनवाने वाले की कहानी है.
Chiang Rai में जन्में Chalermchai Kositpipat ने अपनी स्कूलिंग और ग्रेजुएशन थाई ‘स्कूल ऑफ़ आर्ट्स’ से की. जब उन्होंने काम करना शुरू किया, तो उनकी आर्ट पर काफ़ी कॉन्ट्रोवर्सी हुई. इसलिए उन्होंने अपनी इस कला को श्रीलंका और लंदन में बेचा. जब वो कई सालों बाद अपने होमटाउन वापस आए, तो उन्होंने वहां एक मंदिर बनाने का सोचा.
साल 1997 में इस मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया गया.
ये कहानी थी एक आर्टिस्ट की, जिसे अपनी आर्ट से बेहद प्यार था.