नेपाल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रुप से काफ़ी समृद्ध देश है. अपने आध्यात्मिक वातारवण की वजह से इसे देवी और देवताओं की भूमि भी कहा जाता है. शान्ति की तलाश में यहां हर साल अनेक देशी और विदेशी तीर्थयात्री आते हैं. तीर्थ यात्रियों का सबसे बड़ा आकर्षण होता है, यहां पर स्थित विश्व प्रसिद्ध मन्दिर. नेपाल कुछ समय पहले तक दुनिया के एकमात्र हिन्दू राष्ट्र के ताज से सुशोभित था. यहां हिन्दू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म का भी व्यापक फैलाव नज़र आता है. आज हम आपको इस धार्मिक और आध्यात्मिक देश के 10 सबसे प्रसिद्ध मन्दिरों के दर्शन करवाते हैं.

1. पशुपतिनाथ

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यह मन्दिर संसार में स्थित शिव के मन्दिरों में विशेष स्थान रखता है. पशुपतिनाथ का शाब्दिक अर्थ होता है, पशुओं का देवता. यहां चारों तरफ़ आपको अनेक बन्दर शान्ति से विचरण करते हुए मिल जायेंगे. अपने ऐतिहासिक महत्त्व की वजह से इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में स्थान दिया गया है. यह मन्दिर बागमती नदी के किनारे स्थित है. इसे शिव के प्रमुख निवास स्थानों में जगह प्राप्त है. इस मन्दिर में केवल हिन्दू धर्म के अनुयायी ही जा सकते हैं.

2. मुक्तिनाथ

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यह मन्दिर नेपाल के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है. यह मन्दिर समुद्रतल से 3,710 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह स्थान बौद्ध और हिन्दू धर्म के अनुयायिओं के लिए ख़ास महत्त्व रखता है. ऐसी मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा से यहां आने वालों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

3. मनकामना

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यहां आने वाले सभी भक्तों की इच्छाएं पूरी होने से इस मन्दिर को मनकामना माता का मन्दिर कहा जाता है. इस मन्दिर के निर्माण के पीछे एक रोचक कहानी जुड़ी हुई है. सालों पहले यहां एक किसान ने गलती से एक पत्थर को चोट मार दी थी. अचानक उस पत्थर से रक्त और दूध एक साथ निकलने लगे. आगे चलकर लोगों ने यहां एक विशाल मन्दिर बनाया और उस पत्थर को देवी मां का अवतार मानकर पूजने लगे. यह मन्दिर काठमांडू से 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पर आपको केबल कार की भी सुविधा मिल जाती है.

4. स्वयंभूनाथ स्तूप

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यह नेपाल के सबसे प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है. यह स्थान हिन्दू और बौद्ध धर्म के लिए काफ़ी पवित्र माना जाता है. यहां काफ़ी तादाद में बन्दर पाए जाते हैं, इसलिए इसे ‘मंकी टेम्पल’ भी कहा जाता है. यह मन्दिर वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है. इसके गुम्बद पर महात्मा बौद्ध की आंखें बनाई गई हैं. जो सभी दिशाओं में देख रही है.

5. बुदानिकंथा

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यह काठमांडू से 8 किलोमीटर दूर शिवपुरी पहाड़ी की तलहटी में स्थित है. यहां एक प्राकृतिक पानी के सोते के ऊपर 11 नागों की सर्पिलाकार कुंडली में भगवान विष्णु विराजमान हैं. एक किसान द्वारा काम करते समय यह मूर्ति प्राप्त हुई थी. उस समय गलती से इस मूर्ति के अंगूठे पर चोट लग जाने पर रक्त बहने लगा था. कहते हैं कि राज परिवार का कोई भी सदस्य इस मूर्ति के दर्शन कर लेगा तो उसकी मौत हो जाएगी. इस वजह से राज परिवार के लिए इस मूर्ति का एक छोटा रूप प्रार्थना के लिए बनाया गया है.

6. वराह क्षेत्र

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यह नेपाल के प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है. यह पूर्वी नेपाल में सप्त कोशी और कोका नदियों के संगम पर स्थित है. कहा जाता है कि इसी स्थान पर भगवान विष्णु के अवतार वराह ने हिरण्यकश्यप का वध किया था.

7. दक्षिणकाली

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यह मन्दिर राक्षसों का संहार करने वाली सबसे भयानक रूप वाली मां काली को समर्पित है. यह मन्दिर काठमांडू से 14 मील की दूरी पर स्थित है. इस मन्दिर को बनाने के लिए स्वंय माता ने राजा के सपने में आकर कहा था. आज यहां श्रद्धालु अपने सपने को पूरा करने के लिए माता का आशीर्वाद लेने आते हैं.

8. चांगुनारायण मन्दिर

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यह मन्दिर नेपाली वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है. इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में जगह दी गई है. यह मन्दिर काठमांडू से 8 मील दूर भक्तपुर स्थान पर स्थित है. यह मन्दिर भगवान विष्णु को समर्पित है.

9. दंतकाली

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माता सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव जब उनका मृत शरीर लेकर जा रहे थे, तब इस स्थान पर माता सती का दांत टूट कर गिर गया था. इस वजह से इस स्थान का नाम दंतकाली पड़ा. यह मन्दिर धरण में विजयापुर के Hilchowk के मध्य स्थित है.

10. बज्रयोगिनी

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यह मन्दिर काठमांडू घाटी के पास साली नदी के किनारे सांखू में स्थित है. यह मन्दिर भी हिन्दू और बौद्ध दोनों धर्मों के लिए आस्था का महत्त्व रखता है. यहां देवी की प्रतिमा को अनेक आभूषणों से सुशोभित किया गया है.

नेपाल हिमालय की गोद में स्थित है. हिन्दू धर्म में हिमालय को प्रारम्भिक समय से ही शान्ति प्राप्ति के स्थान के तौर पर देखा गया है. नेपाल में प्रकृति और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिलता है. आप भी कुछ दिन यहां जाकर आध्यात्म के संसार में खो जाइये.