कहते हैं कि इतिहास के गर्भ में कई ऐसे राज़ छुपे हुए हैं, जिनसे आज तक कोई पर्दा नहीं उठा पाया है. ऐसा ही कुछ हिंदुस्तान के साथ भी है, जिसके साथ इतने सारे रहस्य और राज़ जुड़े हुए हैं कि शायद इन्हें सुलझाने के लिए एक जन्म काफ़ी नहीं होगा. आज हम आपके लिए भारत से जुड़े कुछ ऐसे ही रहस्य ले कर आये हैं, जो इतने सालों के बावजूद आज भी अनसुलझे हैं.

Twin Village

केरल में बेस कोडिन्ही गांव को लोग Twin Village के नाम से ही पहचानते हैं. 2000 की आबादी वाले इस गांव में 200 से भी ज़्यादा जुड़वा लोग हैं. आज तक वैज्ञानिक भी इस बात से अंजान हैं कि आखिर क्यों इस गांव में इतनी बड़ी तादाद में जुड़वा पैदा होते हैं?

जोधपुर Boom

18 दिसंबर 2012 की रात जोधपुर में ऐसी चमक फैली, जिसकी रोशनी में सारा शहर नहा गया. इससे पहले कभी इतनी रोशनी आसमान में नहीं देखी गई. कहा जाता है कि उसी दिन ऐसी ही चमक दुनिया के कई हिस्सों में देखी गई थी, पर वैज्ञानिक आज तक इस बात से अंजान है कि ये रोशनी कहां से आई थी.

9 लोग, जो आज भी गुत्थी हैं.

Illuminati के बारे में आपने सुना ही होगा. ये एक तरह का गुप्त संगठन है, जो चोरी-छिपे अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है. ऐसे ही संगठन को सम्राट अशोक ने भी बनाया था. इस संगठन में शामिल सभी 9 लोग अपने-अपने विषय में विद्वान थे. ऐसा कहा जाता है अशोक द्वारा बनाया गया ये संगठन आज भी वजूद में है, पर आज तक उन 9 लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिन्होंने इसकी नींव रखी थी.

Taj Mahal Conspiracy

प्यार के प्रतीक ताजमहल के साथ भी एक विवाद जुड़ा हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि आज जिस जगह पर ताजमहल बना हुआ है वहां कभी एक शिव मंदिर हुआ करता था, जिसे तेजो महालया कहा जाता था. मुगल बादशाह शहंशाह ने इस मंदिर को तोड़ कर इसकी जगह ताजमल नाम से मकबरा बनवाया था.

शापित गांव-कुलधरा

राजस्थान के इस गांव में कोई नहीं रहता. इस गांव के बारे में एक कहानी प्रचलित है कि एक दिन अचानक गांव के हज़ारों लोग रात के समय इसे खाली कर के चले गए थे और जाते-जाते उन्होंने गांव को श्राप दिया था कि यहां कभी कोई नहीं बस पायेगा. तब से ले कर आज तक ये गांव वीरान पड़ा है.

Kongka La Pass और UFO

Kongka La Pass के बगल में स्थित इंडो-चाइना बॉर्डर पर छोटी-सी हरकत भी लोगों के निशाने पर आ जाती है. इस इलाके में अकसर आसामन में रोशनी देखी जाती है, जिसके बारे में संभावना जताई जाती है कि इस इलाके में UFO का बेस कैंप है.

शांति देवी

शांति देवी के बारे में कहा जाता है कि जब वो 4 साल की थीं वो अपने पूर्व जन्म के बारे में बताने लगी थीं. उन्होंने बताया था कि उनका घर मथुरा में है और उनके पति के अलावा उनकी बेटी भी है.

सुभाष चंद्र बोस

कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में नेता जी सुभाष चंद्र बोस की एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. वहीं इससे जुड़ी एक कहानी और है, जो कहती है कि नेता जी की मौत के पीछे स्टालिन का हाथ था. जबकि लोगों का मानना है कि अंग्रेज़ों को धोखा देने के लिए नेता जी अंडरग्राउंड हो गए थे और उनकी मृत्यु 1985 में हिंदुस्तान में हुई थी.

बुलेट बाबा

बुलेट से जाते वक़्त ओम बन्ना की मौत एक एक्सीडेंट में हो गई थी. इसके बाद पुलिस एक्सीडेंट स्थल से उनकी बाइक को थाने ले कर गई, पर अगली सुबह बाइक दोबारा एक्सीडेंट स्थल पर पहुंच गई. पुलिस कई बार बाइक को अपने साथ ले कर थाने गई, पर हर बार बाइक एक्सीडेंट स्थल पर पहुंच जाती थी.

Stoneman

मुंबई और कोलकाता में Stoneman के नाम से पहचाना जाने वाला सीरियल किलर आज भी एक ऐसी गुत्थी है, जो अब तक अनसुलझी है. इसके बारे में कहा जाता है कि रात के समय ये गलियों में घूम कर उन्हें अपना शिकार बनाता था और पत्थर से उनकी हत्या कर देता था.

प्रह्लाद जानी

माता जी के नाम से प्रसिद्ध प्रह्लाद जानी दावा करते हैं कि 1940 से ले कर अब तक उन्होंने कुछ नहीं खाया और पीया. उन पर शोध करने के लिए वैज्ञानिकों ने उन्हें एक कमरे में कई दिनों तक बंद रखा, पर प्रह्लाद जानी बिलकुल सही सलामत दिखे.

Jatinga के वो पक्षी, जो आत्महत्या करते हैं.

असम के Jatinga गांव की पहेली अब तक अनसुलझी है. यहां उड़ने वाले पक्षी अपने आप को इस हद तक जख्मी कर लेते हैं कि मर जाते हैं.

Yeti

Yeti के बारे में कहा जाता है कि ये एक हिम मानुष है, जो हिमालय की पहाड़ियों में छिप कर रहता है.

Hanging Pillar in Anantpur

अनंतपुर के लेपाक्षी मंदिर में सदियों पुराने 70 मजबूत खम्बे हैं. इन खम्भों में एक खम्भा ऐसा भी है, जो ज़मीन नहीं जुड़ा हुआ है. इसे देखने पर ऐसा लगता है, जैसे ये छत से लटक रहा हो.

रूपकुंड झील

उत्तराखंड की रूपकुंड झील को हड्डियों का ताल भी कहा जाता है. इसकी खोज 1942 में हुई थी. ये झील अपने तल तक सिर्फ़ इंसानी हड्डियों से भरा हुआ है. इन हड्डियों के बारे में कहा जाता है कि ये जापानी सिपाहियों की हैं, जो तूफ़ान में फंस कर मारे गए थे.