गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) तो जानते ही होंगे कि कोई भी चीज़ जितनी तेज़ी से ऊपर जाती है उतनी ही तेज़ी से नीचे आती है. जैसे हम जब गेंद को ऊफर की तरफ़ फ़ेकते हैं तो वो ज़मीन पर आकर गिर जाती है ये सब Gravity के कारण होता है. कुदरत की बनाई इस दुनिया में सब कुछ इसी पर निर्भर है, लेकिन इसी दुनिया में एक जगह ऐसी है जहां गुरुत्वाकर्षण काम ही नहीं करता है और यहां पर कोई भी चीज़ ज़मीन पर नहीं गिरती हवा में उड़ती रहती है.
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ऐसा विचित्र नज़ारा अमेरिका के हूवर डैम (Hoover Dam) में देखने को मिलता है, जो अमेरिका के नेवादा (Nevada) और एरिज़ोना (Arizona) की सीमा पर बना है. दरअसल, इस डैम की बनवाट के कारण यहां ग्रेविटी का असर नहीं होता है और कोई भी चीज़ ज़मीन पर गिरने की बजाय हवा में उड़ती नज़र आती है.
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इस डैम के बारे में वैज्ञानिकों कहना है,
हूवर डैम की बनावट के धनुष के आकार की है जिसकी वजह से कोई भी चीज़ यहां ऊपर की तरफ़ उछालने पर बांध की दीवार से टकराकर हवा में उड़ने लगती है. इस वजह से डैम का नज़ारा किसी फ़िल्म जैसा लगता है.
डैम को 90 साल हो चुके हैं
हूवर डैम को बने हुए 90 साल हो चुके हैं और इसे हज़ारों श्रमिकों ने मिलकर बनाया था, जिसमें से निर्माण के समय ही 100 श्रमिक मर गए थे. इसकी ऊंचाई 726 फ़ीट और बेस की मोटाई 660 फ़ीट है, जो फ़ुटबॉल के दो मैदानों के बराबर है. 90 साल से निरंतर सक्रिय ये बांध अमेरिका के सबसे बड़े हाइड्रोइलेक्ट्रिक इंस्टॉलेशंस में से एक है.
आपको बता दें, हूवर डैम को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ़्रैंकलिन डी. रूज़वेल्ट (Franklin D. Roosevelt) ने 30 सितंबर, 1935 को राष्ट्र को सौंप दिया था. इसका नाम अमेरिका के 31वें राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर के नाम पर रखा गया था. इस डैम की बनावट ही इसकी ख़ासियत भी है और चर्चा का विषय भी.