झारखंड का जामताड़ा (Jamtara) आज अपने साइबर क्राइम (Cyber Crime) की वजह से दुनियाभर में मशहूर हो गया है. आज ‘जामतारा’ को भारत की फ़िशिंग कैपिटल (Phishing Capital of India) के नाम से भी जाना जाता है. आपने अक्सर फ़िशिंग (Phishing) के बारे में सुना होगा, जिसका असल मतलब ऑनलाइन धोखाधड़ी होता है. देश में कहीं भी साइबर ठगी हुई तो ठगी का शिकार इंसान और पुलिस के ज़ुबां पर सबसे पहला नाम ‘जामताड़ा’ का ही आता है. ये आज साइबर ठगों का गढ़ बन चुका है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/2017-06-28.jpg?w=1024)
दरअसल, साल 2020 में Netflix की बहुचर्चित वेब सीरीज़ Jamtara- Sabka Number Ayega रिलीज़ हुई थी. इस वेब सीरीज़ में साइबर ठगों के गढ़ जामताड़ा के करमाटांड़ (Karmatand) क़स्बे की कहानी दिखाई गई थी, जिसमें बताया गया था कि कैसे करमाटांड़ में 10वीं और 12वीं तक पढ़े बेरोज़गार युवक देश भर में ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इस वेब सीरीज़ को दर्शकों ने काफ़ी पसंद किया और इसी के चलते झारखंड का ‘जामताड़ा’ देशभर में मशहूर हो गया.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/MV5BNWM1OGE2MmItZWUzZi00OGY5LThhMmQtZmJjZmJlYmQ5NTkwXkEyXkFqcGdeQXVyMTMxODk2OTU@._V1_FMjpg_UX1000_.jpg?w=731)
क्या है जामतारा का इतिहास?
दरअसल, जामताड़ा का करमाटांड (Karmatand) वही गांव है जहां से देश भर के लोगों के साथ साइबर ठगी होती है. ये जगह इसलिए भी ख़ास है क्योंकि ये कभी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मस्थली हुआ करती थी, लेकिन आज करमाटांड साइबर क्राइम का गढ़ बन चुका है. सन 1970-80 के दशक में दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन पर स्थित जामताड़ा ज़िले का करमाटांड़ इलाक़ा ट्रेन लूट, छिनतई और नशाखुरानी के लिए कुख़्यात हुआ करता था. लेकिन अब ये इलाक़ा डिजिटल लुटेरों का गढ़ बन चुका है. जामतारा से क़रीब 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित ‘करमाटांड़’ का लगभग हर युवा आज साइबर ठगी कर रहा है. लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि यहां के युवा ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं. बावजूद इसके वो ऑनलाइन धोखाधड़ी के ज़रिए पलक झपकते ही लोगों के अकाउंट ख़ाली कर देते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/ErBxyI3U0AASPMD.jpg?w=1024)
करमाटांड़ के ये कम पढ़े लिखे युवा ऑनलाइन धोखाधड़ी के दौरान इतने सलीक़े से बात करते हैं कि ठगी के शिकार लोग इन्हें पहचान भी नहीं पाते और आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं. करमाटांड़ इलाक़ा ‘बैगन ब्रेकिंग स्टेशन’ के नाम से भी जाना जाता था. लेकिन जैसे ही स्मार्ट फ़ोन का दौर आया ये इलाक़ा डिजिटल लुटेरों के गढ़ से कुख़्यात होने लगा. आज देश के कोने-कोने के लोग ‘जामताड़ा’ नाम से भलीभांति वाक़िफ़ हैं. बेहद कम-पढ़े लिखे यहां के युवक मोबाइल के ज़रिए बॉलीवुड हस्तियों, नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स तक के बैंक खातों में सेंध लगा चुके हैं.
वो 8 बॉलीवुड स्टार्स जो निभा चुके हैं देश के इन मशहूर राजनेताओं के किरदार
ठगी का तरीक़ा बदला तो बदल गई क़िस्मत
दरअसल, साल 2004-2005 में भारत में स्मार्टफ़ोन आने के बाद करमाटांड़ के छोटे मोटे अपराधियों ने अपना अपराध करने का तरीक़ा बदल लिया था. ट्रेन लूट, छिनतई और नशाखुरानी की जगह करमाटांड़ के बेरोज़गार युवाओं ने घर बैठे-बैठे ऑनलाइन ठगी का ये नया तरीक़ा अपनाया. इस दौरान करमाटांड़ के कुछ युवाओं ने देश के बड़े-बड़े शहरों में जाकर साइबर क्राइम का तरीक़ा सीखा और फिर गांव वापस लौट कर एक गैंग तैयार किया. करमाटांड़ में ऑनलाइन ठगी का जनक सीताराम मंडल को माना जाता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/Jamatara_Inside-5.jpg?w=1024)
जामताड़ा पुलिस की फ़ाइलों के मुताबिक़, 10 साल पहले यहीं के एक गांव सिंदरजोरी का रहने वाला सीताराम मंडल नौकरी के लिए मुंबई गया था. मुंबई में वो एक मोबाइल रिचार्ज की दुकान पर नौकरी करता था. यहीं से उसने ठगी का करना सीखा. जब वो छुट्टियों में घर लौटा तो ठगी के इसी हथकंडे को गांव में भी आजमाया. धीरे धीरे मंडल का ये काला कारोबार बढ़ने लगा और वो पूरी तरह ऑनलाइन ठगी में लग गया. समय बीतने के साथ-साथ करमाटांड़ में साइबर अपराधियों के कई गिरोह बन गये. इस दौरान केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि कई महिलाओं के भी गिरोह साइबर ठगी के काम में लग गये. शुरुआत में पहले करमाटांड़ के ठग लकी ड्रा में इनाम निकलने के नाम पर लोगों से साइबर ठगी करते थे. लेकिन बाद में इन्होंने ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी करना शुरू कर दिया.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/img2017011415041122728283.jpg?w=1024)
सीताराम मंडल ने इस दौरान करमाटांड़ के बेरोज़गार युवाओं की गैंग बनाकर उन्हें बड़े लेवल पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी. इस दौरान ये ठग फ़र्ज़ी सोशल मीडिया आईडी बनाकर, सोशल मीडिया आईडी हैक कर, ATM क्लोनिंग कर, ऑनलाइन शॉपिंग, बिजली बिल जमा करने समेत अन्य नए-नए तरीक़ों से लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाने लगे. ये लोग जाली सिमकार्ड के ज़रिए नक़ली बैंक मैनेजर बनकर ग्राहकों को फ़ोन करके कहते कि उनका कार्ड ब्लॉक हो गया है. इस बहाने ये लोग ATM नंबर, OTP और CVV नंबर जैसी जानकारियां मांग लेते थे और फोन कट होते ही ग्राहक की जेब भी कट चुकी होती थी.
सरगना सीताराम मंडल इस पैसे को मोबाइल रिचार्ज रिटेलर की आईडी में ट्रांसफ़र करता था. इस दौरान रिटेलर 30 फ़ीसदी पैसा रखकर उसे बाकी 70 फ़ीसदी कैश दे देता था. मंडल ने इसी तरह कमीशन का लालच देकर कई लोगों के बैंक खाते व चेक बुक हासिल कर ली थी. ठगी की रक़म वो इन्हीं खातों में ट्रांसफ़र करता था. इसके बाद कई राज्यों से ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत के बाद साल 2020 में दिल्ली पुलिस ने सीताराम को गिरफ़्तार किया था. डेढ़ साल की सज़ा के बाद वो जमानत पर छूटा ही था कि पुलिस ने उसे दूसरे केस में गिरफ़्तार कर लिया. लेकिन तब तक सीताराम के शार्गिदों ने करमाटांड़ में कई गैंग बना लिए थे, जो आज भी यहीं से देशभर में ऑनलाइन ठगी के खेल को अंजाम दे रहे हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/fdffdf.png)
जेल से छूटने के बाद फिर धंधे में लग जाते हैं
देशभर से ठगी के लगातार मामले आने के बाद जनवरी 2018 में जामताड़ा में एक साइबर थाना भी बनाया गया था. देश के 22 राज्यों की पुलिस अब तक करमाटांड़ (जामताड़ा) से 200 से भी अधिक महिला और पुरुष साइबर ठगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. लेकिन कुछ ही दिनों में जेल से छूटने के बाद लोग फिर से साइबर अपराध की दुनिया से जुड़ जाते हैं. धीरे-धीरे जामताड़ा पूर्ण रुप से साइबर अपराधियों का गढ़ बन गया. देश में जितने भी साइबर ठगी होते हैं उसमें लगभग 80% मामलों में साइबर ठगों का लोकेशन जामताड़ा ही मिलता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/district-jharkhand-hindustan-criminals-station-arrested-karmatand_2ee3b236-63ea-11e7-b1de-0034c3d6ea80.webp)
झारखंड पुलिस अब तक जामताड़ा से साइबर अपराधियों को जड़ से ख़त्म करने में नाकामयाब रही है. कहा जाता है कि करमाटांड़ (जामताड़ा) का लगभग हर शख़्स साइबर ठगी कर रहा है. करमाटांड़ के कई घरों के तो सभी लोग इसमें संलिप्त हैं. आज जामताड़ा के कई लोगों ने साइबर ठगी के मदद से घर बैठे-बैठे करोड़ों की संपत्ति बना ली है.
साइबर ठगों ने बनाई करोड़ों की संपत्ति
जंगलों और पहाड़ों से घिरा करमाटांड़ के 100 से अधिक गांव (आबादी लगभग डेढ लाख) ऐसे है जो अपने विकास की कहानी ख़ुद कहते हैं. करमाटांड़ के लोगों के पास न तो कोई बड़ा बिज़नेस है न ही इनके पास नौकरी है बावजूद इसके गाव के हर शख़्स के पास आलीशान घर, महंगी-महंगी गाड़ियां मौजूद है. कईयों ने तो यहां साइबर ठगी कर करोड़ों की संपत्ति बना ली है. करमाटांड़ के लोगों ने रियल स्टेट व प्रॉपर्टी के अलावा कई धंधों में करोड़ों रूपये का निवेश कर रखा है. जबकि कुछ लोगों ने तो विदेश में भी प्रॉपर्टी ख़रीद रखी है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/08/11.png)
हाई प्रोफ़ाइल लोगों को बना चुके हैं शिकार
साल 2020 में जब दिल्ली पुलिस ने सरगना सीताराम मंडल को गिरफ़्तार किया था तब पुलिस ने बताया था कि सीताराम ने एक मशहूर अभिनेता के अकाउंट से 5 लाख रुपये साफ़ कर दिए थे. हालांकि, पुलिस ने अभिनेता के नाम का ख़ुलासा नहीं किया था. इसके बाद जामताड़ा के अताउल अंसारी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर से 23 लाख रुपये की ठगी की थी. अंसारी ने ख़ुद को बैंक मैनेजर बता परणीत से फ़ोन कर इस ठगी को अंजाम दिया था. इसके अलावा करमाटांड़ के साइबर ठगों ने केरल के एक सांसद से 1.60 लाख रुपये की ठगी भी की थी. मामला संसद भवन दिल्ली थाने में दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस ने करमाटांड़ से धनंजय व पप्पू मंडल को गिरफ़्तार किया था.