Kangaroo Rat Never Drinks Water: इस धरती पर सभी जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को ज़िंदा रहने के लिए पानी की ज़रूरत होती है. बगैर पानी हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि एक जीव ऐसा भी है, जो पूरी ज़िंदगी बिना पानी पिए गुज़ार देता है. तपते रेगिस्तान में रहने के बावजूद उसे ताउम्र पानी की ज़रूरत तक महसूस नहीं होती. इस जीव का नाम कंगारू चूहा (Kangaroo Rat) है.

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अद्भुत है Kangaroo Rat की शारीरिक बनावट

कंगारू चूहे संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम रेगिस्तान में रहते हैं. इस चूहे के साथ कंगारू जुड़ने की वजह इसके शरीर की ख़ास बनावट है. जिस तरह ऑस्ट्रेलियाई कंगारू के पेट पर थैली होती है. कुछ उसी तरह इस चूहे के गालों के बाहर की ओर थैलियों होती हैं. इन थैलियों में ये खाने का सामान लाता है. फिर इसे अपने बिलों में इकट्ठा करता है.

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साथ ही, ये कंगारू की तरह ही लंबी छलांगें लगाता है. रेगिस्तान में उगने वाले कैक्टस के पौधों को आसानी से कूदकर पार कर सकता है. ये एक सेकेंड में 06 मीटर की दूरी पार कर लेता है. अपने दुश्मनों से बचने के लिए भागते समय खूब तेज़ी दिखाता है. बता दें, कंगारू रैट की पूंछ काफ़ी लंबी होती है. पूंछ की लंबाई 20 सेमीमीटर तक होती है. अपनी लंबी पूंछ का इस्तेमाल ये हवा में दिशा बदलने के लिए करता है. कंगारू रैट के पैर शरीर के अन्य अंगों की तुलना में कहीं ज्यादा बड़े होते हैं, जो इन्हें छलांगे लगाने में मदद करते हैं.

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Kangaroo Rat Never Drinks Water: बगैर पानी पिए कैसे रहता है ज़िंदा?

कंगारू चूहे को रेगिस्तान में ज़िंदा रहने का हुनर बखूबी आता है. कंगारू चूहे ज़्यादातर बीज खाने वाले होते हैं. ये रेगिस्तान में उगने वाले पेड़-पौधों की जड़ों को खाकर जीवित रहते हैं. कभी-कभी इन्हें छोटे-छोटे कीड़े खाते हुए देखा जा सकता है. लेकिन ये पानी कभी नहीं पीते. कंगारू चूहे को पानी की लगभग कोई आवश्यकता नहीं होती है.

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दरअसल, ये खाए गए बीजों से मेटाबोलाइज्ड पानी पर जीवित रहते हैं. इसका मतलब है कि ये अपनी पानी की ज़रूरत को रेगिस्तान में उगने वाले पेड़-पौधों की जड़ों को खाकर पूरी कर लेता है. कंगारू चूहे हर ग्राम बीज में से आधा ग्राम पानी निकाल सकते हैं. साथ ही, इसकी किडनी बहुत मज़बूत होती है. ये इतनी अच्छी तरह काम करती है, कि कंगारू चूहा इस नमी से ही शरीर की पानी की ज़रूरत को पूरा कर लेता है. पानी की यही नमी उसको जिंदा रखने के लिए काफ़ी होती है.