Logic Behind Superstitions: हम भारतीय बहुत से अंधविश्वासों को मानते हैं. कुछ तो बेहद अजीबो-ग़रीब होते हैं, जिनके पीछे का कोई कारण समझ नहीं आता है. मगर हमारी खोपड़ी में ये बचपन से ऐसे डाल दिये जाते हैं कि ताउम्र हम इन्हें डर के चलते मानने पर मजबूर हो जाते हैं. आपने भी बहुत से अंधविश्वासों को सुना ही होगा. कुछ पर आप हंस दिए होंगे और कुछ पर न चाहते हुए भी यक़ीन करते होंगे. अब जैसे किसी बिल्ली का रास्ता काटना आपके लिए पनौती ले आएगा. या फिर रात को नाख़ून काटने से भूत आपको परेशान करेगा, वगैरह-वगैरह…
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मगर दिलचस्प बात तो ये है कि इनमें से कुछ अंधविश्वासों की पीछे वाक़ई लॉजिक छिपा है. आज हम आपको ऐसे ही अंधविश्वास और उनके पीछे छिपे लॉजिक के बारे में बताएंगे.
Logic Behind Superstitions
1. नींबू-मिर्ची टांगना
दरवाजे पर नींबू-मिर्ची लटकाने के पीछे लोगों का अंधविश्वास है कि ऐसा करने से बुरी ताक़तों का साया दूर रहता है. जबकि इसके पीछे असली लॉजिक है नींबू और मिर्च दोनों में कीटनाशक गुण होते हैं, जो कीड़ों को दूर रखते हैं और आपके घर और दुकान को कीड़ों से बचाते हैं.
2. अंतिम संस्कार के बाद नहाना
मृत व्यक्ति के शरीर में बैक्टीरिया या संक्रमण हो सकता है और इसलिए एक बार अंतिम संस्कार करने के बाद, घर में प्रवेश करने से पहले नहाने की सलाह दी जाती है.
3. रात में नाख़ून न काटना
पहले के समय में जब लाइट नहीं थी, तब सूरज ढलने के बाद नाख़ून काटने से बचा जाता ता. क्योंकि, अंधेरे में चोट लगने का ख़तरा रहता था.
Logic Behind Superstitions
4. श्राद्ध तक खाना नहीं बनाना चाहिए
5. एग्ज़ाम से पहले दही-चीनी खाना
Logic Behind Superstitions
6. शीशा टूटना बुरी क़िस्मत लाएगा
पुराने ज़माने में शीशा बहुत महंगा था. लापरवाही से बचने के लिए रोम के प्राचीन लोगों ने ये उपदेश देना शुरू किया कि शीशा तोड़ने से आपके लिए सात साल का दुर्भाग्य आएगा. सात साल क्यों? ऐसा इसलिए है क्योंकि रोमवासियों का मानना है कि जीवन को खुद को नवीनीकृत करने में सात साल लगते हैं.
7. आंख फड़कना अशुभ होता है
विभिन्न संस्कृतियों में इसका अलग-अलग अर्थ है. वैज्ञानिक कारण ये है कि इसके पीछे वजह तनाव, एलर्जी या आंख का सूखना कारण हो सकता है.
8. काली बिल्ली का रास्ता काटना
प्राचीन काल में लोग लंबी दूरी के लिए बैलगाड़ी या घोड़ागाड़ी का इस्तेमाल करते थे. जब जानवर रात में रास्ते पर काली बिल्लियां और उनकी चमकती आंखें देखते थे, तो घबरा जाते थे. साथ ही, अगर कोई बिल्ली दौड़ती हुई रास्ता काट लेती थी तो इसका मतलब होता था की कोई जंगली जानवर हैं जिससे वो बचने की लिए भाग रही है. ऐसे में बिल्ली के रास्ता काटने के बाद लोग अपने जानवरों को खिलाने-पिलाने के लिए थोड़ी देर रुक जाते थे, ताकि वो शांत हो सकें.