इस धरती पर ऐसी कई रहस्यमयी जगहें हैं, जो इंसानों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं. एक ऐसा ही स्थान रूस (Russia) के साइबेरियन प्रांत (Siberian region) में भी मौजूद है. यहां एक हीरे की रहस्यमयी खदान (Mysterious Diamond Mine) है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो अपने ऊपर से गुज़रने वाली हर चीज़ को निगल जाती है. फिर चाहें वो कोई पक्षी हो या फिर प्लेन.
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Mysterious Diamond Mine-
दूसरे विश्व युद्ध के बाद शुरू हुई खुदाई
पूर्वी रूस में खान मर्नी नाम के गांव में ये हीरों की खदान मौजूद है. दरअसल, ये एक 1722 फीट गहरा और 3900 फीट व्यास वाला एक बड़ा का गड्ढा है, जो आर्कटिक सर्कल से 280 मील की दूरी पर मौजूद है.
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दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस ख़ुद को आर्थिक तौर पर वापस खड़े करने की कोशिशें कर रहा था. ऐसे में एक जियोलॉजिस्ट टीम ने इस जगह पर हीरे होने की बात कही. उस वक़्त रूस के तानाशाही शासक स्टालिन ने यहां खुदाई का आदेश दिया. मगर ये आसान काम नहीं था. ये इलाका बेहद ठंडा है. सर्दियों के दौरान यहां का तापमान शून्य से 40 डिग्री नीचे होता है. इतनी ठंड है कि कार के टायर फट जाते हैं और तेल तक जम जाता है.
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हालांकि, साल 1960 में यहां से हीरे मिलना शुरू हो गए. पहले दशक में यहां 1 करोड़ कैरेट के डायमंड हर साल निकले. इसमें से कुछ 342.57 कैरेट के लेमन यलो डायमंड थे. यहां De Beers नाम की डायमंड कंपनी ने अरबों-खरबों के हीरे निकाले.
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हीरे उगलने वाली खदान, निगलने लगी प्लेन
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बताया जाता है कि इस खदान के पीछे का रहस्य यहां ठंडी और गर्म हवा का आपस में मिलना है. ठंडी-गर्म हवा के आपस में मिलने से यहां शक्तिशाली आकर्षण केंद्र बन जाता है, जिसके चलते चीज़ें अंदर की ओर खिंची चली आती हैं.
बता दें, साल 2009 में इस खदान को 50 सालों के लिए फिर खोला गया. मगर 2017 में यहां फिर बाढ़ आई और 140 से ज़्यादा मज़दूर इसमें फंंस गए. महज़ 8 की ही जान बच पाई थी. इसके पीछे भी वजह मिर्नी हीरे की खदान की आकर्षण शक्ति ही बताई जाती है. (Mysterious Diamond Mine)