जमशेदजी टाटा, जीडी बिरला, अर्देशिर गोदरेज, केसी महिंद्रा, धीरूभाई अंबानी, रतन टाटा मुकेश अंबानी और गौतम अडानी समेत कई ऐसे अरबपति हैं जिन्होंने भारत को दुनिया का सुपरपावर बनाने में अहम भूमिका निभाई है. ये नाम इसलिए भी मशहूर हैं क्योंकि आज देश आधे से ज़्यादा व्यवसाय इन्हीं के पास हैं. देश के इन अरबपतियों में एक नाम राजिंदर गुप्ता का भी है जो अपनी कड़ी मेहनत के दम पर आज देशभर में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. राजिंदर गुप्ता (Rajinder Gupta) आज पंजाब के सबसे अमीर उद्योगपति हैं.

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दुनिया के हर कामयाब व्यक्ति के पीछे किसी औरत का हाथ हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है, लेकिन हर इंसान की कामयाबी के पीछे संघर्ष ज़रूर होता है. कुछ लोगों को सफलता जल्दी मिल जाती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें लंबे संघर्ष के बाद सफलता मिलती है. पंजाब के उद्योगपति राजिंदर गुप्ता भी इन्हीं लोगों में से एक है, जिन्हें सफलता बेहद मुश्किलों के बाद मिली.

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आज हम आपके साथ पंजाब के सबसे अमीर उद्योगपति राजिंदर गुप्ता सक्सेस स्टोरी शेयर करने जा रहे हैं. चीन के अरबपति व्यवसाई जैक मा की तरह ही राजिंदर गुप्ता भी एक सेल्फ़ मेड बिज़नेस टाइकून हैं. उन्होंने इस मुक़ाम तक पहुंचने के लिए 30 रुपये की दिहाड़ी मजदूरी की तक की है. राजिंदर गुप्ता के फ़र्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी लाखों युवा उद्यमियों को प्रेरित करती है.

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30 रुपये की दिहाड़ी मजदूरी करने वाले राजिंदर गुप्ता ने आज 17,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया है. कम उम्र में ज़िम्मेदारियों के चलते राजिंदर गुप्ता पढ़ाई तो नहीं कर पाए, लेकिन आज पंजाब के स्कूल-कॉलेजों में उनकी इस कामयाबी को केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाता है. आज उनका कारोबार भारत समेत दुनियाभर में फ़ैला हुआ है.

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राजिंदर गुप्ता को महज 14 साल की उम्र में 9वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने 30 रुपये की दिहाड़ी मजदूरी में मोमबत्तियां और सीमेंट के पाइप बनाने का काम किया. राजिंदर गुप्ता की बिज़नेस जर्नी की शुरुआत एक छोटे-से कपास व्यापारी के तौर पर हुई. शुरुआती दिनों में उन्हें कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

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आख़िरकार सालों तक कड़ी मेहनत करने के बाद 80 के दशक में उन्होंने बड़ा जोखिम उठाने का फ़ैसला किया. सन 1985 में राजिंदर गुप्ता ने अभिषेक इंडस्ट्रीज़ नाम से एक फ़र्टिलाइजर फ़ैक्ट्री स्थापित की. इसके बाद 1991 में उन्होंने ज्वाइंट वेंचर के तौर पर कताई मिल की स्थापना की, जिससे उन्हें काफ़ी प्रॉफिट हुआ. इसके बाद वो टेक्सटाइल्स, पेपर और केमिकल इंडस्ट्री में भी उतरे. पंजाब और मध्य प्रदेश में यूनिट खोलीं.

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आज राजिंदर गुप्ता के ट्राइडेंट ग्रुप (Trident Group) में रिटेल दिग्गज जेसीपीनी, वॉलमार्ट और लक्ज़री और लिनन जैसे ग्राहक हैं. वो वैश्विक स्तर पर 5 टॉप टेरी टॉवेल निर्माताओं में से हैं. 64 वर्षीय राजिंदर गुप्ता ने साल 2022 में निजी कारणों का हवाला देते हुए ट्राइडेंट में बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. वो अब लुधियाना ‘एमेरिटस ग्रुप’ के चेयरमैन हैं.

पद्मश्री से सम्मानित हैं राजिंदर गुप्ता

राजिंदर गुप्ता ‘ट्राइडेंट लिमिटेड‘ के कॉर्पोरेट सलाहकार, बोर्ड के अध्यक्ष और ट्राइडेंट ग्रुप के अध्यक्ष दोनों के रूप में कार्यरत हैं. साल 2007 में उन्हें व्यापार और उद्योग क्षेत्रों में राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.

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राजिंदर गुप्ता आज भारत के टॉप 100 अरबपतियों में शामिल हैं. वर्तमान में उनकी कुल संपत्ति 12,368 करोड़ रुपये (1.5 बिलियन डॉलर) से अधिक है.

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