तू ख़ुद की खोज में निकल, तू किसलिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है…मेरी तरह आपने भी इस कविता को सुना होगा. ये कविता फ़िल्म ‘पिंक’ की है, जिसे अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज़ दी है. अगर कहानी को कहने वाला सही मिले तो कहानी वही कहती है जो वो कहना चाहती है. ऐसा ही कुछ इस कविता के साथ भी है. इसकी एक-एक लाइन औरत के वजूद की ताक़त को दर्शाती है. ये बताती है कि एक औरत जो चाहे वो कर सकती है. बस उसे ख़ुद को पहचानने की ज़रूरत होती है और जिस दिन वो अपनी पहचान ढूंढ लेती है उस दिन ऐसे मूवमेंट होते हैं.
1. Anti Liquor Movement in Andhra Pradesh
ये तस्वीर 1997 में आंध्र प्रदेश में शराब विरोधी आंदोलन की है. 1995 में अपने दूसरे कार्यकाल में एनटी रामाराव ने शराबबंदी की घोषणा कर दी. इसके बाद उन्हें महिलाओं के ज़्यादा वोट मिले और वो जीत गए. मगर 1997 में एनटीआर के उत्तराधिकारी और दामाद एन चंद्रबाबू नायडू ने शराबबंदी को हटा दिया. उनका कहना था कि शराबबंदी से कोई फ़यादा नहीं हुआ है. इसके बाद महिलाओं ने शराबबंदी के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर आंदोलन किया.
2. सबरीमाला मूवमेंट
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने के बाद एक बड़े आंदोलन की शरूआत हुई. इस रोक का कारण पीरियड्स को बताया जा रहा था, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पीरियड्स इसका कारण नहीं थे. इस आंदोलन के होने पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फ़ैसला आया, जिसने महिलाओं के प्रवेश के लिए मंज़ूरी दे दी. इसके बाद दो महिलाएं सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह तक गईं और उन्होंने वहां पूजा अर्चना की. इस मंदिर के दरवाज़े महिलाओं के लिए खोल दिए गए हैं, लेकिन इसका विरोध अभी भी जारी है.
3. भारत में #Metoo Movement
2017 में एलिसा मिलानो के ट्विटर हैशटैग के बाद ये मूवमेंट वायरल हुआ. इसके काफ़ी समय के बाद भारत में #MeToo मूवमेंट हुआ. इसकी शुरूआत अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अपनी आपबीती बताकर की. उन्होंने नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद इंटरनमेंट जगत की कई एक्ट्रेसेस ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के बारे में खुलकर बताया. ये तस्वीर #MeToo मूवमेंट में सामने आई यौन उत्पीड़न की घटनाओं के ख़िलाफ़ महिलाओं के विरोध की है.
4. तीन तलाक़ वर्डिक्ट
ट्रिपल तलाक़ पर कोर्ट के फ़ैसले के बाद मुस्लिम महिलाओं में ख़ुशी की एक लहर दौड़ गई थी. इस्लामिक क़ानून की मानें तो, तीन बार तलाक़ बोलने पर किसी भी पति-पत्नि का तलाक़ हो जाता है. इसी के ख़िलाफ़ कोर्ट में अपील की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन तलाक़ को नामंज़ूरी दी गई थी.
5. Chipko Movement
जंगलों को बचाने के लिए इस आंदोलन की शुरूआत की गई थी. इस आंदोलन की ख़ासियत ये थी कि इसमें सबसे ज़्यादा महिलाओं की भागीदारी थी.
6. #LahuKaLagaan Campaign
महिलाओं ने #LahuKaLagaan अभियान की शुरुआत की. इसके तहत भारत उन देशों में से एक बना, जिन देशों में सैनिटरी पैड पर टैक्स नहीं लगता है. इससे पहले, सैनिटरी पैड पर लग्ज़री टैक्स लगता था.
7. SEWA Women
1972 में इला भट्ट द्वारा शुरू की गई SEWA संस्था एक ऐसी संस्था थी. इसने भारत के असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें कई तरह की सुविधाओं के साथ-साथ देख रेख भी मुहैय्या कराई थी.
आपकी शक्ति को हमारा सलाम है.
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