Anaya Jethanandani Giving financial Freedom To Women: सिर्फ़ बाहर निकल कर कमाना ही आज़ाद होना नहीं है, जब तक कि आपका ख़ुद की कमाई पर हक न हो. घरों में काम करने वाली ग़रीब महिलाओं की ये सबसे बड़ी समस्या है. इन महिलाओं के घरवाले ही उनकी कमाई का हिसाब-किताब रखते हैं. वजह है कि इन महिलाओं में वित्तीय साक्षरता ना के बराबर है. यानि उन्हें नहीं मालूम होता है कि किस तरह वो अपनी कमाई ख़र्च करें और कैसे पैसा सेव करें. ऐसी महिलाओं की मदद के लिए एक 11वीं क्लास की स्टूडेंट अनाया जेठानंदानी आगे आई हैं. वो महिलाओं को वित्तीय रूप से साक्षर बनाने का काम कर रही हैं. (FINWIN To Help Women From Low Income Households) #DearMentor

thebetterindia

आइए हमारे #DearMentor कैंपेन के ज़रिए जानते हैं कैसे अनाया सैकड़ों महिलाओं की ज़िंदगी को नया आकार दे रही हैं.

ग़रीब महिलाओं की मदद के लिए लॉन्च किया FINWIN

बेंगलुरु की रहने वाली अनाया ने FINWIN नाम का एक नॉन प्रॉफ़िट ऑर्गनाइज़ेशन चलाती हैं. जिसके ज़रिए वो घरों में काम करने वाली और कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को अपनी कमाई को संभालने की बेसिक बातें समझने में मदद करती हैं.

अनाया ने बताया कि एक बार उसके घर में काम करने वाली महिला काफ़ी परेशान थी. उससे पूछने पर बताया कि उसका पति उस पर हावी रहता है. वो जो कुछ भी कमाती है, उसे छीन लेता है. बच्चों की फ़ीस तक का पैसा नहीं देता और शराब पर उड़ा देता है.

thebetterindia

अनाया ख़ुद एक संपन्न परिवार से हैं. उन्होंने पैसों को मामले में इस तरह की गैर-बराबरी कभी नहीं देखी थी. ये उनके लिए एक झटके जैसा था. हालांकि, इस घटना ने उन्हें महिलाओं की मदद के लिए इंस्पायर किया और फिर उन्होंने फ़ाइनेंस से जुड़ी मुद्दे पर ज़्यादा जानकारी इकट्ठा करने शुरू की और इस फ़ील्ड के एक्स्पर्ट्स से बात की.

ग़रीब महिलाओं को बनाया वित्तीय साक्षर (Anaya Jethanandani Giving financial Freedom To Women)

साल 2021 में अनाया ने उन महिलाओं की मदद करना शुरू किया, जिन्हें उनके पतियोंं ने दबा कर रखा था और उन्हें अपने पैसों का हिसाब-किताब रखना नहीं आता था. इसके लिए उन्होंने एक्स्पर्ट्स और अपने पेरेंट्स भी राय-मशविरा किया. यहां तक महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता की बुनियादी बातों पर एक कोर्स भी किया. फिर सामाजिक-आर्थिक तौर पर पिछड़ी महिलाओं के साथ जानकारी शेयर करने के लिए जुलाई 2021 FINWIN की शुरुआत की.

हालांकि, ये काम बहुत मुश्किल था. बहुत सी महिलाएं ऐसी थीं, जिनके पास बैंक अकाउंट तक नहीं था. ऐसे में न सिर्फ़ महिलाओं को वित्तीय रूप से साक्षर करना था, बल्क़ि उन्हें फ़ाइनेंशियल सिस्टम में शामिल भी करना था.

thebetterindia

शुरू की वर्कशॉप लगाना

वित्तीय रूप से महिलाओं को साक्षर करने के लिए अनाया ने वर्कशॉप शुरू की. महिलाओं को खर्चा अपना बजट बनाकर करना सिखाया. ये भी समझाया कि पैसा कहां खर्च करना है और कहां बचाना है. साथ ही, कैसे धोखाधड़ी से सावधान रहना है.

वहीं, महिलाओं के वित्तीय समावेशन के लिए ‘प्रधान मंत्री जन धन योजना’ जैसी सरकारी योजनाओं के ज़रिए बैंक अकाउंट खुलवाए. वो मोबाइल क्लीनिक भी आयोजित करती है, जिसमें वो विभिन्न बैंकों के साथ सहयोग करती हैं.

मसलन, उन्होंने इंडसइंड बैंक के साथ बात की. फिर उनके अधिकारी अनाया की सोसाइटी में गए. वहां जिन महिलाओं को बैंक अकाउंट खुलवाने थे, वो बूथ पर आ गईं. उस दिन 60 महिलाओं ने अपने बैंक खाते खुलवाए.

महिलाओं की ज़िंदगी को मिला नया आकार

मालती, अनाया की सोसाइटी में घरेलू वर्कर्स में से एक हैं. वो FINWIN वर्कशॉप का हिस्सा रही हैं. वो कहती हैं कि आज तक उनका कभी बैंक खाता नहीं था.

‘जब भी मैंने खाता खोलने की कोशिश की, वे हमेशा इतने सारे दस्तावेज़ मांगते थे और कहते थे कि इस खाते को खोलने में बहुत समय लगेगा. कभी वो कहते किट स्टॉक में नहीं हैं तो कभी अगले महीने आने को बोल कर टरका देते थे.’

thebetterindia

हालांकि, अनाया के लगवाए कैंप में महज़ 30 मिनट में अकाउंट खुल गया. वो भी सिर्फ़ आधार कार्ड की मदद से. इतना ही नहीं, उनके फ़ोन में Google Pay भी शुरू हो गया.

मालती ने कहा, ‘अब सारी मैडम मुझे पैसा सीधे खाते में ट्रांसफ़र करती हैं. मैं अपने बच्चों के लिए बचत कर पा रही हूं और बेटे को इंग्लिश मीडियम वाले हॉस्टल में डालने का प्लान कर रही हूं.’

मालती की तरह दूसरी महिलाएं भी हैं, जो अपने घर की ज़रूरतें पूरी कर पा रही हैं. सरकारी योजनाओं की जानकारी के चलते वो ट्रैक्टर तक ख़रीद चुकी हैं और अब EMI के ज़रिए पैसे कटवा रही हैं.

अनाया का कहना है कि आज तक 750 से ज़्यादा महिलाओं को वित्तीय साक्षरता और समावेशन में ट्रेन किया गया है. ये महिलाएं बेंगलुरु के आसपास के इलाकों जैसे सरजापुर और जयनगर से आती हैं.

‘हमने 200 महिलाओं के बैंक खाते खुलवाए और झुग्गी-झोपड़ियों में 15 वर्कशॉप की हैं.’

महिलाओं को सबकुछ फ़्री में उपलब्ध होता है. वर्कशॉप हर रविवार क़रीब दो घंटे के लिए आयोजित होती है.

आसान नहीं होता बैंक अकाउंंट खुलवाना

अनाया ने बताया कि महिलाओं के बैंक अकाउंंट खुलवाना बड़ा मुश्किल होता है. वजह है कि उनके आधार कार्ड पर पति या पिता का फ़ोन नंबर पड़ा होता है. ऐसे में उसे लिंक करवाना मुश्किल है. इसके लिए अनाया ने महिलाओं के फ़ोन नंबर अपडेट करवाए.

अनाया कहती हैं कि ‘मैं ये कर रही हूं क्योंकि ये एक अच्छा काम है. मैं बदलवा लाना चाहती हूं.’

ये भी पढ़ें: बिल्डिंग से फेंका… 15 सालों तक बेड पर रहीं पूनम राय, अब हज़ारों लड़कियों को बना रही हैं लड़ाका