शिक्षक, लेखक और इन्फ़ोसिस की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति हमेशा सरल, सादगी भरा और साधारण जीवन जीती हैं और लोगों को साधारण जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करती हैं. वो इन मूल्यों को दूसरों को ही ज़िंदगी में नहीं अपनाने के लिए कहतीं, बल्कि उन्होंने अपने बच्चे को भी इन्हीं मूल्यों के साथ पाला है.
इस बात की पुष्टि 2017 में उन्होंने मुंबई के जमनाबाई नरसी कैम्पस के दौरे के दौरान छात्रों से बातचीत करते हुए की. यहां इन्होंने बच्चे के पालन-पोषण पर भी बात की और बताया कि हमें अपने बच्चे को सही जीवन देने के लिए उन्हें हर बात का मोल बताना ज़रूरी है.
इसके लिए उन्होंने अपने ही बेटे का उदाहरण देते हुए बताया, जब वो छोटा था तो एक फ़ाइव स्टार होटल में बर्थ डे पार्टी करना चाहता था, जिसके लिए मैंने उसे इजाज़त नहीं दी.
साथ ही उसे समझाया जिन पैसों को वो एक पार्टी में ख़र्च करना चाहता है वो कई ग़रीब बच्चों की शिक्षा में काम आ सकते हैं. इसमें उनके ड्राइवर के बच्चे भी शामिल थे.
जब उनका बेटा कॉर्नेल में पढ़ रहा था, तो उसने उनकी बातों और दी हुई शिक्षा को याद करते हुए एक मेल लिखा कि ‘मुझे अपनी मां पर गर्व है.’
आपको बता दें, उनके बेटे ने स्कॉलरशिप की फ़ीस को 2001 में पार्लियामेंट अटैक में शहीद हुए जवानों को डोनेट कर दी थी. क्योंकि वो जान गया था कि किसी ज़रूरतमंद की पैसों से मदद करना बहुत सौभाग्य की बात होती है.
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