भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं. आज रतन टाटा की मदद से देश की कई कंपनियां दुनिया भर में मशहूर हो चुकी हैं. इसके अलावा रतन टाटा अपनी एक ख़ास आदत के लिए मशहूर हैं. वो अक्सर एक फोन कॉल से लोगों की क़िस्मत बदलने के लिए भी जाने जाते हैं. रतन टाटा ने कुछ साल पहले मुंबई की सड़कों पर आवारा कुत्तों के लिए काम करने वाले शांतनु नायडू को कॉल करके उसकी क़िस्मत बदल दी थी.

शांतनु नायडू ही नहीं आदिति भोसले भी उन ख़ुशनसीब लोगों में से एक है, जिसे रतन टाटा ने ख़ुद कॉल करके साथ में बिज़नेस करने का ऑफ़र दिया. आइए जानते हैं क्या है असल कहानी?

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दरअसल, आदिति भोसले और उनके चेतन वालुंज ने कुछ साल पहले ही रिपोस एनर्जी (Repos Energy) का काम शुरू किया था. लेकिन इस कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें किसी मेंटर की ज़रूरत थी. ऐसे में उन्होंने सबसे पहले ‘टाटा ग्रुप’ के चेयरमैन रतन टाटा से सुझाव लेने का निर्णय लिया, लेकिन ये काम इतना इतना आसान नहीं था. अदिति ने जब इस बारे में चेतन को बताया तो उसने हंसते कहा कि, रतन टाटा हमारे पड़ोसी नहीं है जो जब चाहे मिल सकते हैं. लेकिन अदिति ने रतन टाटा से मिलने की आस नहीं छोड़ी.

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अदिति भोसले ने इसके बाद अपने लिंकडइन अकाउंट पर एक लंबा पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘जब मैंने और चेतन ने स्टार्टअप शुरू किया तो मैंने कहा कि इसके लिए रतन टाटा मेंटर हों तो अच्छा रहेगा. इस पर सभी ने कहा कि उनसे मिलना असंभव है. हम दोनों के पास कोई फ़ॉर्मल बिज़नेस एजुकेशन नहीं है, ऐसे में हमने एक 3D प्रजेंटेशन तैयार की जिसमें Repos Energy एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन को बदलने का प्लान बताया था’.

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जब रतन टाटा ने ख़ुद कॉल किया

अदिति भोसले आगे बताती हैं, मैं उन सॉर्सेज से भी मिली, जो मुझे रतन टाटा तक पहुंचा सकते थे, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ. इसके बाद मैंने ख़ुद अपने हाथों से लिखे लेटर रतन टाटा को भेजे.यहां तक ​​कि मैंने उनके घर के बाहर 12 घंटे तक इंतज़ार भी किया, लेकिन जब मैं अपने होटल लौटी, तो मुझे रात 10 बजे मुझे एक अज्ञांत कॉल आया. मेरा मन नहीं था, लेकिन जब मैंने कॉल अटेंड किया, तो दूसरी तरफ से आवाज़ आई, ‘हाय! क्या मैं अदिति से बात कर सकता हूं’? जब मैंने पूछा कि कौन बोल रहा है? तो उधर से आवाज आई- ‘मैं रतन टाटा बोल रहा हूं, मुझे आपका लेटर मिला, क्या हम मिल सकते हैं’?

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अदिति ने आगे लिखा, ‘अगले दिन सुबह 10.45 बजे हम रतन टाटा जी के घर पहुंचे और अपनी प्रजेंटेशन के साथ लिविंग रूम में उनका इंतज़ार कर रहे थे. इसी दौरान ठीक 11 बजे नीली शर्ट पहने एक लंबा, गोरा शख़्स हमारी ओर चला आ रहा था और वो रतन टाटा थे. सुबह 11 बजे से शुरु हुई ये मीटिंग दोपहर 2 बजे तक चली. इस दौरान उन्होंने 3 घंटे हमारे आइडिया को सुना, अपने अनुभव साझा किए और हमारा मार्गदर्शन भी किया’.

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जब रतन टाटा ने अदिति और चेतन से पूछा कि वो उनसे क्या उम्मीद करते हैं? तो इस पर उन्होंने कहा, सर, लोगों की सेवा करने और हमारे देश को वैश्विक बनाने में हमारी मदद करें, हमारा मार्गदर्शन करें. इसके जवाब में रतन टाटा ने कहा, ‘“ठीक है’. इसके बाद की Repos Energy की कहानी जगजाहिर है.

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रतन टाटा के निवेश वाली मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रिपोस एनर्जी (Repos Energy) ने हाल ही में ऑर्गेनिक कचरे से संचालित एक मोबाइल इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल लॉन्च किया है.

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