कुछ शिक्षक ख़ुद से ज़्यादा अपने छात्रों के जीवन के बारे में सोचते हैं. अब प्रयागराज की इस शिक्षका को ही लीजिये, जिसने अपने बलबूते पर सरकारी स्कूल को प्राइवेट स्कूल बना दिया है.
कमाल की बात ये है कि ये सराहनीय काम शिक्षिका ने अपनी सैलरी से किया है. नाम है ममता मिश्रा. ममता मिश्रा चाका ब्लाक के मॉडल प्राइमरी स्कूल तेंदुआवन में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं. इसके अलावा वो अपना YouTube चैनल भी चलाती हैं. YouTube चैनल पर वो बच्चों को पढ़ाते हुए वीडियो अपलोड करती हैं. चैनल पर अब तक करीब 487 वीडियो अपलोड किये जा चुके हैं. ममता मिश्रा 2015 से प्राइमरी स्कूल में कार्यरत हैं. तब से लेकर अब तक वो स्कूल में बहुत बड़े बदलाव ला चुकी हैं.
ममता मिश्रा उन शिक्षिकों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी सैलरी से स्कूल में संसाधन जुटाए और बच्चों को डिजिटल तरीके से पढ़ने के लिये मोटिवेट किया. यही नहीं, ममता पहली कक्षा के छात्र-छात्राओं को घर में दीक्षा ऐप के ज़रिये पढ़ने के तरीके भी सिखा रही हैं. ताकि बच्चे घर में रह कर डिजिटल तकनीक से रू-ब-रू हो पायें.
वहीं बच्चे भी शिक्षिका के इस अंदाज़ से काफ़ी ख़ुश हैं और ख़ुशी-ख़ुशी पढ़ाई में मन लगा रहे हैं. ममता मिश्रा अपनी सैलरी से बच्चों के लिये डेस्क-बेंच मंगवा चुकी हैं. इतना ही नहीं, वहां पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि अगर पैसे के कारण किसी बच्चे की पढ़ाई में कोई कमी रहती है, तो वो आर्थिक रूप से उसकी मदद भी करती हैं.
ममता मिश्रा के इस नेक का कार्य का ज़िक्र प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ में भी कर चुके हैं.
बच्चों के जीवन को बेहतरीन बनाने की कोशिश में जुटी शिक्षिका को हमारा सलाम!
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