महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर एक बहुत ही अहम् फ़ैसला लिया. जिसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट के ज़रिए दी. ट्वीट में लिखा,
With a view to commemorate Indian women’s contribution to science & innovation and inspire young girls to take up STEM subjects, Government announced establishment of 11 Chairs in Institutes across India. #BetiPadhaoDeshBadhao pic.twitter.com/SOKLACeSXh
— Smriti Z Irani (@smritiirani) March 1, 2020
मशहूर मानव विज्ञानी (Anthropologist) इरावती कर्वे सहित 11 चर्चित महिला वैज्ञानिकों के नाम पर देश भर के शिक्षण संस्थानों में 11 बेंच स्थापित की जाएंगी.
इसके अलावा उन्होंने कहा, ये 11 बेंच सिर्फ़ इन महिला वैज्ञानिकों के लिए सम्मान नहीं, बल्कि देश की हर महिला को कुछ बनने का प्रोत्साहन देंगी. इतना ही नहीं इन बेंच को केवल महिला शोधकर्ता ही संभालेंगी.
स्मृति ईरानी ने कहा,
ये अनोखी पहल STEM (विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित) में युवा लड़कियों को उनकी ज़्यादा से ज़्यादा भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेगी.
With a view to commemorate Indian women’s contribution to science & innovation and inspire young girls to take up STEM subjects, Government announced establishment of 11 Chairs in Institutes across India. #BetiPadhaoDeshBadhao pic.twitter.com/SOKLACeSXh
— Smriti Z Irani (@smritiirani) March 1, 2020
स्मृति ईरानी ने अपने ट्वीट ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए लिखा,
मैं हर्षवर्धन और साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री में सभी को समर्थन करने के लिए तह-ए-दिल से धन्यवाद करती हूं.
इसमें इरवाती कर्वे के अलावा ये महिला वैज्ञानिक भी शामिल हैं:
1. बिभा चौधरी, भौतिकशास्त्री
बिभा चौधरी ने नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिकशास्त्री पी.एम.एस. ब्लैकेट के साथ भी काम किया था. ब्लैकेट स्वतंत्र भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान की शुरुआत करने से संबंधित मामलों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सलाहकार थी.
2. इरावती कर्वे, शिक्षाशास्त्री, लेखिका और एंथ्रोपोलोजिस्ट
इरावती कर्वे भारत की शिक्षाशास्त्री, लेखिका और एंथ्रोपोलोजिस्ट थीं.
3. कमल रणदिवे, चिकित्सक
डॉ. कमल जयसिंह रणदिवे को भारत सरकार द्वारा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सन 1982 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. ये महाराष्ट्र से हैं.
4. राजेश्वरी चैटर्जी, वैज्ञानिक और शिक्षिका
राजेश्वरी चटर्जी भारतीय वैज्ञानिक और एक शिक्षिका थीं. वो कर्नाटक से पहली महिला इंजीनियर थीं. भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बंगलुरु में उसके कार्यकाल के दौरान, चटर्जी एक प्रोफ़ेसर थीं और फिर बाद में इलेक्ट्रो-संचार इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष थीं.
5. रमन परिमाला, गणितज्ञ
रमन परिमाला एक भारतीय गणितज्ञ हैं, जो बीजगणित में योगदान के लिए जानी जाती हैं. वो एमोरी विश्वविद्यालय में गणित के कला और विज्ञान के प्रतिष्ठित प्रोफ़ेसर हैं. कई सालों तक, वो टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ फ़ंडामेंटल रिसर्च (TIFR), मुंबई में प्रोफ़ेसर थीं.
6. अन्ना मणि, भौतिकशास्त्री और मौसम वैज्ञानिक
अन्ना मणि एक भारतीय भौतिक और मौसम वैज्ञानिक थीं. वो भारत के मौसम विभाग की उप-निदेशक थीं. उन्होंने मौसम विज्ञान उपकरणों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किए हैं. सौर विकिरण, ओज़ोन और पवन ऊर्जा माप के विषय में अनुसन्धान किया है और कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं.
7. जानकी अम्माल, वनस्पति और कोशिका वैज्ञानिक (Botanist)
एडावलेठ कक्कट जानकी अम्माल भारत की एक महिला वैज्ञानिक थीं. अम्माल एक लोकप्रिय वनस्पति और कोशिका वैज्ञानिक थीं जिन्होंने आनुवांशिकी, उद्विकास, वानस्पतिक भूगोल और नृजातीय वानस्पतिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया. पद्म श्री से सम्मानित जानकी अम्माल भारतीय विज्ञान अकैडमी की संस्थापक रहीं हैं.
8. कादम्बिनी गांगुली, फ़िज़ीशियन
कादम्बिनी गांगुली भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फ़िज़ीशियन थीं. यही नहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी कादम्बिनी गांगुली को ही मिला था. वो पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था. इन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी काम किया. बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं.
9. असीमा चटर्जी, रसायनशास्त्री
असीमा चटर्जी एक भारतीय रसायनशास्त्री थीं. उन्होंने जैवरसायन विज्ञान और फ़ाइटोमेडिसिन के क्षेत्र में काम किया. उनके सबसे उल्लेखनीय काम में विन्सा एल्कालोड्स पर शोध शामिल है.
10. दर्शन रंगनाथन, कार्बनिक रसायनज्ञ
दर्शन रंगनाथन भारत की एक कार्बनिक रसायनज्ञ थी. उन्हें ‘सुपरमौलेकुल्युलर असेंबलियों, आणविक डिज़ाइन, महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रियाओं के रासायनिक सिमुलेशन, कार्यात्मक हाइब्रिड पेप्टाइड्स के संश्लेषण और नैनोट्यूब के संश्लेषण में मान्यता मिली.
11. अर्चना शर्मा, Cytogeneticist
प्रो. अर्चना शर्मा एक Cytogeneticist थीं. अपने आरम्भिक अनुसंधानों में उन्होंने एक नई तकनीक द्वारा गुणसूत्र की संरचना का अध्ययन किया जिसे बड़े तौर पर मान्यता मिली. फूलों के पौधों पर क्रोमोसोमल अध्ययन पर उनके शोध और निष्कर्षों ने उनके वर्गीकरण पर धारणाओं के एक नए सेट को जन्म दिया है. वो न्यूक्लियस के संस्थापक संपादक थे.
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