90’s Kids Things: 90 के दशक में प्यार, अपनापन, विश्वास और तिकड़म सब था. उस दौर के बच्चे इतने तिकड़मी थे कि पैसे हों या न हों अपना काम चला ही लेते थे. वैसे तो ज़्यादा पैसों की ज़रूरत होती नहीं थी, चीज़ें सस्ती थीं और ख़ुशियां महंगी. उस दौर में इंसानों और ख़ुशियों की बहुत वैल्यू थी. मासूमियत, शरारत और क्यूट हरकतें तो कूट-कूट कर हर बच्चे में भरी थीं. यही शरारतें तो हैं, जो हर 90’s Kid (90’s Kids Things) के लिए आज जीने का सहारा हैं. आज के बच्चों को जब फ़ोन में लगे देखो तो लगता है कि इन्होंने तो कुछ क्या ही नहीं, हम तो क्या-क्या करते थे और ये बच्चे सारा दिन फ़ोन पर लगे रहते हैं.
भाई-बहन हैं, लेकिन सब फ़ोन पर लगे रहते हैं. साथ में लड़ते भी हैं तो भागेंगे कहां? क्योंकि आज के बच्चे तो कोरोना के चलते भी घर पर रहते हैं. हम तो कितनी बार तो भाई को मार कर भाग जाते थे और वो रोता रहता था. घर आने तक मम्मी भूल जाती थी. उस समय पर WWE का दौर था तो लड़ाई करते समय Undertaker, John Cena नहीं बने तो क्या लड़ाई करी. सारा दिन मम्मी चिल्लाती रहती थीं, कि क्यों घर सिर पर उठाया हुआ है.
90 के दशक के बच्चों के ऐसे ही कुछ मज़ेदार शरारतें और अनुभव (90’s Kids Things) हम अपने दोस्तों और जानने वालों से पूछ कर आपके लिए लाए हैं क्या पता इनमें से किसी शरारत में आपका बचपन छुपा हो?
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1. कॉमिक्स का दौर था तो अगर दो दोस्त किराए पर लाए हैं तो दोनों एक-दूसरे से साठ-गांठ कर लेते थे तुम मुझे दे देना मैं तुम्हें दे दूंगा. कुछ तो किराए पर लाकर दूसरों को किराए पर दे देते थे.
2. किराये पर साइकिल लाकर चलाने का मज़ा ही कुछ और होता था. 1 रुपये में 1 घंटे साइकिल चलाने को मिलती थी, जिसमें 1 घंटा हो जाने के बाद भी कुछ मिनट और चला लेते थे, अंकल को कह देते थे कि आने में देर हो गई या चेन उतर गई थी.
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3. मैं और मेरा बड़ा भाई WWE फ़ाइट देखकर वैसे ही फ़ाइट करते थे. वो अंडरटेकर की स्लेम मारता था तो मैं जॉन सिना की एंट्री को कॉपी करती थी. हम एक-दूसरे को उन्हीं स्टाइल में मारने की कोशिश करते थे. मेरे भाई का फ़ेवरेट Shawn Michaels था तो मेरा Triple H और Jeff Hardy.
4. Kinetic Honda, Hero Puch और बजाज का स्कूटर ज़्यादातर घरों में होता है, जिनके पास था उन्होंने आज भी संभाल कर रखा है. इसे ही चलाना पहाड़ लगता था. कितनी बार तो मेरे पापा और चाचा ने Hero Puch में लोगों को बिठाया है और गिराया भी है.
5. आज घर-घर में टीवी डिश और मोबाइल हैं, लेकिन 90 के दशक में बहुत ही कम लोगों के यहां टीवी और डिश होती थी, इसलिए जब भी कोई फ़िल्म आती थी तो पूरा मोहल्ला या कॉलोनी एक जगह इकट्ठा होकर टीवी देखते थे. मुझे याद है मैंने बचपन में नागिन और प्यार का देवता एक साथ देखी थी.
6. बच्चे आज मोबाइल से खेलते हैं, 90s में बच्चे गिल्ली-डंडा, कंचे, खो-खो, छुपन-छुपाई खेलते थे और इतनी दूर छुपते थे जिसे लंबा टूर कहा जाता था. गिल्ली-डंडा और कंचे में सारी शर्तें लग जाती थीं. आज के बच्चों के लिए ये Cheap खेल है हमारे लिए तो बचपन है.
7. आज बच्चों के पास स्टेशनरी इतनी है कि क्या बताएं और महंगी भी हो गई है, लेकिन 90s के समय में 2 रुपये वाला लिंक पेन और 5 रुपये वाला Gripper और Reynolds Pen तो हमारी जान होता था. हर किसी के पेंसिल बॉक्स में ज़रूर मिलता था.
इनमें से आपने क्या किया है और अगर इसके अलावा कोई खट्टी-मीठी याद है तो हमसे ज़रूर शेयर करिएगा.