Gajraj Rao: ‘बधाई हो’, ‘माझा मा’, ‘शुभ मंगल ज़्यादा सावधान’, ‘मेड इन चाइना’ जैसी फ़िल्मों से लोगों के दिलों में एक ख़ास जगह बनाई है बॉलीवुड एक्टर गजराज राव ने. वो कितने अच्छे अभिनेता हैं ये दर्शकों ने बाद में नोटिस किया, लेकिन वो इन मॉर्डन ज़माने की फ़िल्मों से पहले ही हिंदी सिनेमा में काम कर रहे थे.
बॉलीवुड फ़िल्मों में काम करने से पहले वो थिएटर में भी काम कर चुके हैं. उनकी कुछ पुरानी यादगार फ़िल्में हैं ‘बैंडिट क्वीन’, ‘दिल से’. आजकल वो एक पिता या किसी के दादा जी के रोल में दिखाई देते हैं.
मगर एक फ़िल्म में वो खूंखार आतंकवादी का भी रोल निभा चुके हैं. ये रोल उन्हें कैसे मिला और इसके लिए उन्होंने क्यों कई महीनों तक मटन नहीं खाया उससे जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा हम आपके लिए आज लेकर आए हैं.
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इस फ़िल्म में निभाया आतंकवादी का रोल
ये एक मशहूर फ़िल्म थी जिसमें राजीव खंडेलवाल (Rajeev Khandelwal) ने लीड रोल प्ले किया हो. सही, समझा आपने हम बात कर रहे हैं डायरेक्टर राजकुमार गुप्ता (Raj Kumar Gupta) की डेब्यू फ़िल्म ‘आमिर’ (Aamir) की. इस मूवी में गजराज राव भी थे. वो इस मूवी एक-आध बार दिखाई दिए लेकिन उनकी दमदार आवाज़ पूरी फ़िल्म में सुनाई देती रही. ये वही आतंकवादी था जो आमिर को बॉम्ब कैसे लगाने हैं ये बताता था.
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ऐसे बनाया सीन को दमदार
आमिर फ़िल्म में उससे फ़ोन पर बातें करता दिखाई देता है. अब इस रोल में एक सीन था जिसमें आतंकवादी यानी गजराज राव को मटन और चावल खाते हुए आमिर को कुछ बताना था. इस रोल के लिए डायरेक्टर ने उनसे कहा कि वो बस खाने की एक्टिंग करें, लेकिन गजराज जी ने उनसे ये कहते हुए इंकार कर दिया कि ये उनका स्टाइल नहीं है और वैसे भी ये एक क्लोजअप सीन था तो खाने की एक्टिंग उसमें सही नहीं लगती.
6 महीने तक नहीं खाया मटन
उनकी बात मान ली सबने. सीन वैसे ही शूट हुआ. लेकिन एक इंटरव्यू में ख़ुद उन्होंने बताया कि इस सीन को करने के बाद लगभग 6 महीने तक उन्होंने मटन नहीं खाया था. गजराज राव को ये फ़िल्म कैसे मिली ये भी उन्होंने बताया. दरअसल, जब वो फ़िल्म ‘ब्लैक फ़्राइडे’ (Black Friday) के शूटिंग कर रहे थे तब राजकुमार गुप्ता उनसे मिले. वो इस फ़िल्म के असिस्टेंट डायरेक्टर थे.
तभी उन्होंने गजराज राव की एक्टिंग देख अपनी पहली फ़िल्म में एक रोल देने का वादा किया था. इस तरह वो आतंकवादी का रोल गजराज राव जी को मिला.
आपने ये फ़िल्म देखी की नहीं?