What Is Suspension Bridge: गुजरात के मोरबी (Gujarat’s Morbi) में रविवार की शाम हुए पुल हादसे में अब तक लगभग 132 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. स्थानीय पुलिस, एनडीआरफ़ और तीनों सेना के बलों ने मिलकर रेस्क्यू मिशन को अंज़ाम दिया. अभी भी नदी से लापता लोगों की तलाश की जा रही है. साथ ही पीएम मोदी भी आज मौके पर पहुंचे हैं.
गुजरात में मच्छु नदी पर बना ये पुल एक Suspension Bridge था. नदियों पर अधिकतर सस्पेंशन ब्रिज ही बनाए जाते हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होते हैं सस्पेंशन ब्रिज और कैसे ये काम करते हैं?
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क्या होता है सस्पेंशन ब्रिज (What Is Suspension Bridge)
बहते पानी यानी नदियों पर अक्सर सस्पेंशन ब्रिज बनाए जाते हैं. ये ब्रिज नदी के दोनों किनारों पर बनाए गए दो टॉवर और केबल्स पर टिका होता है. संपीड़ित की गई केबल पर टिका होने के कारण ही इसे सस्पेंशन ब्रिज कहते हैं. ऐसे पुलों में अधिकतर दो पिलर ही बने होते हैं, पानी के बीच में कोई बेस या पिलर नहीं होता.
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सस्पेंशन ब्रिज सिस्टम में Suspension Cables, Towers, Anchorages, Vertical Suspenders और Deck शामिल होते हैं. Suspension Cables को नदी के किनारे बने दोनों टावर्स से जोड़ा जाता है. Towers को कंक्रीट और सरिया के मजबूत Anchorages से सपोर्ट किया दिया जाता है.
Suspension Cables के बीच-बीच में Vertical Suspenders लगे होते हैं जो डेक यानी ब्रिज के रास्ते जुड़ी होती है. इसे इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि पुल पर पड़ने वाला भार सारा केबल के ज़रिये टावर और वहां से ज़मीन पर पहुंचे.
सबसे पहला सस्पेंशन ब्रिज (First Suspension Bridge In World_
ऐसे पुल एक निर्धारित वज़न ही सहन कर पाते हैं और उससे अधिक वज़न होने पर इनके टूटने का ख़तरा बना रहता है. हवा में लटके होने के कारण इन्हें हैंगिंग ब्रिज भी कहा जाता है. इतिहास की बात करें तो पहले इन्हें मजबूत जंगली घास या जड़ों से बनाया जाता है. 1532 में जब स्पेन की सेना ने पेरू में अपना रास्ता बनाया तो उन्होंने गहरे पहाड़ी घाटियों में फैले सैकड़ों सस्पेंशन ब्रिज से जुड़े एक इंका साम्राज्य की खोज की थी.
भारत में Dobra-Chanti Bridge सबसे बड़ा सस्पेंशन ब्रिज है, 725 मीटर का ये पुल उत्तराखंड में टिहरी लेक पर बना है. इसका उद्घाटन 2020 में हुआ था. ऋषिकेश में बना लक्ष्मण झूला इसी प्रकार का एक पुल है.