Desi Alcoholic Drink in India in Hindi: भारत में शराब पीने और पिलाने का कल्चर नया नहीं है, बल्कि काफ़ी पुराना है. ‘मदिरा’ जैसे शब्द आज के नहीं हैं, इन्हें बहुत पहले गढ़ा गया था. शराब को ख़ुशी-ग़म का एक बड़ा साथी माना गया है. वहीं, वर्तमान की बात करें, तो भारतीय दो तरह की शराब जानते हैं एक अंग्रेज़ी और दूसरी देसी.
इस ख़ास आर्टिकल में हम आपको अंग्रेज़ी नहीं, बल्कि देसी शराब के सफ़र पर लिये चलते हैं. बताते हैं कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में देसी शराब बनाने के लिए किन-किन चीज़ों को इस्तेमाल में लाया जाता है और कैसे.
ये आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है और हम किसी भी तरीक़े से शराब पीने या पिलाने का समर्थन नहीं करते हैं.
चलिये, लेख में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि भारत में देसी शराब (Desi Alcoholic Drink in India in Hindi) बनाने के लिए कौन-कौन-सी चीज़ें प्रयोग में लाई जाती हैं.
1. महुआ
Desi Alcoholic Drink in India in Hindi: महुआ एक प्रकार का फल होता है, जिसकी मीठी और तीव्र गंध होती है. महुआ के पेड़ को अंग्रेज़ी में Madhuca longifolia कहा जाता है. ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में महुआ से शराब बनाकर पी जाती है. जब पेड़ से महुआ पककर नीच गिर जाते हैं, तो इन्हें अच्छे से सुखा लिया जाता है. इसके बाद फलों को पानी में भिगोकर कुछ दिन तक छोड़ दिया जाता है. इसके बाद बर्तन (जिसमें महुआ को रखा गया था) को गर्म किया जाता है. फिर उसकी भाप को इकट्ठा किया जाता है, जो शराब का रूप लेती है.
2. चावल से दारु
Desi Alcoholic Drink in India in Hindi: पके हुए भात का इस्तेमाल करके भी देसी शराब बनाई जाती है. झारखंड में एक देसी दारु पी जाती है, जिसे हंड़िया (Desi Daru Brands) कहा जाता है. झारखंड के अलावा, इसे बिहार, छत्तीसगढ़ के अलावा और भी कई जगहों पर पिया जाता है.
हंड़िया को बनाने के लिए उबले हुए चावल और हर्बल चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे फ़र्मेंट होने के लिए कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है. इसके बाद एक बड़ी छलनी की मदद से इसके पानी को अलग कर लिया जाता है. छलनी वाले प्रोसेस में ऊपर से पानी डाला जाता है और चालव को निचोड़-निचोड़ कर अलग कर लिया जाता है. इसे राइस बियर भी कहा जाता है. आदिवासी इलाक़ों में इसका चलन ज्यादा है और इसका इस्तेमाल वो त्योहारों में भी करते हैं.
3. काजू
Desi Alcoholic Drink in India in Hindi: गोवा की विश्व प्रसिद्ध फ़ेनी काजू से ही बनती है. इसे स्थानीय लोग के अलावा दूर-दराज से आए पर्यटक भी पसंद करते हैं. फ़ेनी को पके काजू से बनाया जाता है और दो बार डिस्टिल्ड किया जाता है. अंतिम प्रोडक्ट में क़रीब 40 प्रतिशत ऐल्कोहॉल मौजूद होता है.
4. केसर के केसर कस्तूरी
राजस्थान में भी ख़ास देसी दारू बनाई जाती है, जिसे केसर कस्तूरी कहा जाता है. इसे राजस्थान में सदियों से पिया जा रहा है. चूंकी केसर बहुत महंगा होता है, इसलिए इसे राजस्थान में बहुत कम जगह ही बनाया जाता है. इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है. इसे केसर के साथ सूखे मेवे, विभिन्न पौधों की जड़ें, दूध, देशी घी, जावित्री, गोखरू व मिश्री का उपयोग कर बनाया जाता है.
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6. ताड़ से ताड़ी
Desi Alcoholic Drink in India in Hindi: बिहार और झारखंड में एक देसी शराब बहुत फ़ेमस है वो है ताड़ी. इसे ताड़ के पेड़ों से निकाला जाता है. दरअसल, ये ताड़ के तनों का रस होता है, जिसे मटकी में जमा किया जाता है. ताड़ी निकालने के लिये रात में ही मटकियों को ऊपर लगा दिया जाता है, जिससे रस बूंद-बूद पात्र में जमा होता रहता है. ताड़ी का सेवन दक्षिण भारत में भी किया जाता है.
7. अंगूर और सौफ़ से लद्दाखी अरक
अरक, एक बिना मीठी डिस्टिल्ड ड्रिंक है. माना जाता है कि इसमें 60-90 प्रतिशत ऐल्कोहॉल की मात्रा होती है. ये रंगहीन होती है, जिसे अंगूर और सौफ़ को तीन हफ़्ते तक फ़र्मेंट करके तैयार किया जाता है.
8. बाजरा से टोंगबा
ये एक बाज़रा आधारित देसी शराब (Traditional Alcoholic Drinks in India) है, जिसे नेपाल और नेपाल से सटे भारतीय राज्यों में पिया जाता है. इसे मेहमानों को दिया जाता है और साथ ही त्योहारों में पिया जाता है.
9. काले गुड़ से गुडुम्बा
Desi Alcoholic Drink in India in Hindi: हैदराबाद में गुडुम्बा नाम की एक देसी दारू पी जाती है, जिसका मुख्य इनग्रेडिएंट काला गुड़ होता है. इसमें ऐल्कोहॉल की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है. इसलिये, ये गैर-क़ानूनी रूप से बेची जाती है.
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10. चावल और विभिन्न फलों वाली शराब
त्रिपुरा में Chuwarak देसी शराब (Traditional Alcoholic Drinks in India) बनाई जाती है. इसे बनाने के लिये चावल के साथ अनानास व कटहल जैसे फलों का इस्तेमाल किया जाता है.