जानिए भारत में शराब की बोतल लीटर में क्यों नहीं होती, इसे खंभा, अद्धा और पौवा क्यों कहा जाता है?

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शराब (Alcohol) सेहत के लिए चाहे कितनी भी हानिकारक क्यों न हो, लेकिन पीने वालों को तो बस पीने का बहाना चाहिए होता है. ये शराब भी बड़ी अजीब चीज़ है कोई ज़िंदगी के गम भूलने के बहाने पीता है तो कोई ख़ुशी सेलिब्रेट करने के लिए शराब पीता है. मतलब ये कि मौका चाहे कोई भी क्यों न हो लेकिन बदनाम तो शराब को ही होना है. ऐसे में आज हम शराब से जुड़ा एक ऐसा इंटरेस्टिंग फ़ैक्ट बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आप पीते समय सोचते भी नहीं होंगे. आज हम शराब को मापने वाले पैमाने के बारे में बात करने जा रहे हैं कि आख़िर खंभा, अद्धा और पौवा क्या होता है?

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शराब ‘पेग’ की उत्पत्ति

इंटरनेट पर मौजूद सूचनाओं की मानें तो डेनमार्क में शराब मापने की ईकाई Paegl से ही ‘पेग’ की उत्पत्ति हुई है. शराब परोसे जाने की इंटरनेशनल यूनिट 1 औंस यानी 29.57ml है, जो 30ml के क़रीब ही है.

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दरअसल, भारतीयों ने आम बोलचाल की भाषा में शराब की बोतलों को खंभा (फ़ुल), अद्धा (हाफ़) और पौवा (क्वाटर) बना दिया है. लेकिन दुनिया के अधिकतर देशों में शराब को मापने का पैमाना लगभग सेम ही है. भारत में शराब की फ़ुल बोतल 750ml की, हाफ़ 375ml की, जबकि क्वाटर 180ml का होता है. लेकिन अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों में शराब की बिक्री लीटर में होती है. अमेरिका में शराब की बोतलें 1000ml और 500ml की यूनिट में मिलती हैं.

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स्टैडर्ड मानकों से देखें तो दुनिया के हर देश में किसी भी तरल पदार्थ को लीटर में मापा जाता है. इस हिसाब से फ़ुल का मतलब 1 लीटर यानी 1000ml, हाफ़ का मतलब 500ml और क्वार्टर का मतलब 250ml होना चाहिए. लेकिन शराब के मामले में ये मानक बदल जाते हैं.

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आख़िर कहां से आया ये पैटर्न

भारत में आज भी अंग्रेज़ी शासन का प्रभाव देखने को मिलता है. देश में आज भी शराब के मामले ब्रिटिश स्टैंडर्ड को ही फ़ॉलो किया जाता है. भारत की तरह ही ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहे देशों ने भी इसी पैटर्न को अपनाया. इसके पीछे की असल वजह थी पैग का साइज़. भारत में बड़े पैग का साइज़ 60ml और स्मॉल पैग का साइज़ 30ml होता है. इसीलिए शराब की पैकिंग भी इसी लार्ज और स्मॉल पैक के मल्टीपल में होती है.

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भारत में पौवा 180ml का होता है. इस हिसाब से पौवे से 3 लार्ज या फिर 6 स्मॉल पैग बनाए जा सकते हैं. इसी तरह 750ml के खंभे से 12 लार्ज पैग और 1 स्मॉल पैग बनता है. वहीं 375ml के अद्धे से 6 लार्ज पैक बनाने के बाद 15ml बच जाता है. अद्धे में से 15ml बचने को लेकर कहा जाता है कि ऐसा 750 का आधा रखने के लिए किया गया था.

जानकार बताते हैं कि दुनिया में भारत और नेपाल ही दो ऐसे देश हैं, जहां शराब परोसते वक़्त ‘पेग’ शब्द इस्तेमाल होता है. आम भारतीय के लिए स्मॉल का मतलब 30ml शराब होती है. जबकि लार्ज का मतलब 60ml शराब होती है. हालांकि, कुछ शराब के शौकीन एक बार में 90ml या पटियाला पेग हजम करने का भी जिगरा रखते हैं.

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