शाबाश यमुना: दिनभर ईंट के भट्ठे में काम और रात भर पढ़ाई कर पास की NEET परीक्षा, अब बनेगी डॉक्टर

Kratika Nigam

NEET UG 2023: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ़ से NEET UG 2023 का रिज़ल्ट हाल ही में आया है, जिसमें क़रीब 11 लाख से भी ज़्यादा स्टूडेंट्स ने ये परीक्षा पास की है. इनमें से ऐसे कई छात्र हैं, जिन्होंने विषम परिस्थितियों के चलते भी परीक्षा को पास करके दिखाया, उस मक़ाम को पाकर दिखाया जिसे वो पाना चाहते थे. इन्हीं में से एक नाम है छत्तीसगढ़ की यमुना का, जिन्होंने नीट (NEET) में ऑल इंडिया रैंक 93,683 हासिल की है और ओबीसी कैटेगेरी में उनकी रैंक 42,684 आई है. उनके 720 में से 516 अंक आए हैं.

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इनके परिवार वालों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि यमुना जिन हालातों में इस परीक्षा को पास (NEET UG 2023) किया है वो सबके बस की बात नहीं है. आइए, यमुना की प्रेरणादायक कहानी के बारे में जानते हैं.

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यमुना चक्रधारी की ज़िंदगी पर हरिवंशराय बच्चन की वो लाइन कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती एक दम सही बैठती है. दरअसल, यमुना चक्रधारी (Yamuna Chakradhari) छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले में डूमरडीह गांव की रहने वाली हैं. इनके पिता पिता बैजनाथ चक्रधारी एक ईंट भट्ठा चलाते हैं. यमुना इसी ईंट भट्ठे में काम करने के साथ-साथ पढ़ाई भी करती थीं और उनकी इसी लगन ने आज उन्हें इतनी बड़ी सफलता दिलाई है. मिडिल क्लास से होने के चलते यमुना की इस उपलब्धि से उनके पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है क्योंकि मिडिल क्लास लोग पैसे के लिए नहीं बल्कि आत्म सम्मान और इज़्ज़त के लिए जीते हैं.

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यमुना 6 से 7 घंटे ईंट भट्ठे पर काम करती हैं और फिर उसके बाद रात के समय रोज़ाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई करती थी. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी होने के चलते पूरा परिवार इसी ईंट भट्ठे में काम करता है.

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आपको बता दें, यमुना ने किसी कोचिंग से पढ़ाई नहीं की है, बल्कि NEET जैसी कठिन परीक्षा उन्होंने सेल्फ़ स्टडी करके पास की है. यमुना MBBS पूरा करने के बाद MD या MS के लिए ट्राई करना चाहती हैं. इनके पिता और पूरा परिवार यमुना की इस सफलता से ख़ुश तो हैं ही साथ ही पूरा सहयोग भी करते हैं.

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