NEET UG 2023 : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ़ से नीट यूजी 2023 का रिज़ल्ट हाल ही में जारी कर दिया गया है. इस बार क़रीब 11 लाख से भी अधिक स्टूडेंट्स ने ये परीक्षा क्वालीफाई कर ली है. इनमें से ऐसे कई छात्र हैं, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अपना प्रण टूटने नहीं दिया और डेडिकेशन व कड़ी मेहनत के ज़रिए ये परीक्षा बढ़िया नंबरों से पास की. इन्हीं में से एक नाम महाराष्ट्र के जालना शहर में रहने वाली मिस्बाह का है. उन्होंने इस परीक्षा में 720 में से 633 अंक प्राप्त किए हैं. उनका रिज़ल्ट आने के बाद से उनके पूरे परिवार में ख़ुशी का माहौल है.

हालांकि, मिस्बाह के लिए ये राह आसान नहीं थी. उनके पिता मोटरसाइकिल पंक्चर बनाते हैं, जबकि मां घर संभालती हैं. आइए आपको मिस्बाह की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताते हैं.

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बेहद ख़राब है घर की आर्थिक स्थिति

NEET में उच्च अंकों से उतीर्ण होने वाली मिस्बाह के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उनके पिता मोटरसाइकिल के पंक्चर बनाने का काम करते हैं और मां होममेकर हैं. घर के हालातों से जूझते हुए मिस्बाह ने काफ़ी मेहनत की और आखिर में नीट की परीक्षा क्वालीफाई की. उनके पिता की बेटी की सफ़लता पर कहना है कि उनके टीचर अंकुश सर का भी उनकी बेटी की सफ़लता में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

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दो तीन सालों से मुफ्त में कर रही थीं नीट की तैयारी

मिस्बाह पिछले दो तीन सालों से अपने अध्यापक अंकुश सर की कोचिंग में मुफ्त में नीट के लिए तैयारी कर रही थीं. अपनी स्टूडेंट की इस सफ़लता पर अंकुश सर का कहना है कि वो गरीब छात्रों के लिए मुफ्त में योजना चलाते हैं. इसी के तहत मिस्बाह को भी मुफ़्त कोचिंग मिली थी. उन्हें अब लगता है कि उनकी मेहनत रंग ला रही है.

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स्कूल के समय से ही पढ़ने-लिखने में हैं तेज़

मिस्बाह स्कूल के समय से ही ब्राइट स्टूडेंट रही हैं. 10वीं की बोर्ड परीक्षा में उनके 92 प्रतिशत नंबर आए थे. वहीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उन्होंने 86% हासिल किए थे. मिस्बाह ने कहा कि जब घर के हालात ख़राब थे, तो वो दिन-रात पढ़ाई कर रही थीं. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. वो MBBS डॉक्टर बनकर ग़रीब बच्चों की सेवा करना चाहती हैं.     

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