आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन भी प्राचीन मिस्र की तरह पुनर्जन्म में विश्वास रखता है. जिस प्रकार प्राचीन मिस्र में ज़रूरत की चीज़ों के साथ मृत शरीर संभालकर रखा जाता था, ठीक ऐसे ही कुछ साक्ष्य चीन में मिलते हैं. चीन की ‘Terracotta Army’ को इस परंपरा का एक बड़ा सुबूत माना जा सकता है. आइये, जानते हैं क्या थी चीन की ‘Terracotta Army’ और क्या हैं इससे जुड़े हैरान कर देने वाले तथ्य.
क्या है ‘Terracotta Army’?
आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन के पहले शासक Qin Shi Huang मृत्यु के बाद जीवन पर विश्वास करते थे. यही वजह थी कि उन्होंने मृत्यु के बाद अपनी सुरक्षा के लिए ‘Terracotta Army’ का निर्माण करवाया था. उन्होंने शीआन में एक शहर समान क्षेत्र लेकर अपनी होने वाली क़ब्र बनवाई और हर उस चीज़ को वहां रखने के कहा था, जिनकी ज़रूरत उन्हें मृत्यु के बाद होगी, जैसा उनका विश्वास था.
वहीं, इनसे अलग उसने मृत्यु के बाद अपनी सुरक्षा के लिए एक आर्मी भी बनवाई थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वो जीवित इंसानों की आर्मी नहीं थी, बल्कि वो मिट्टी के बनाए गए सैनिक थे. मिट्टी के बने योद्धाओं के साथ-साथ Qin Shi Huang ने मिट्टी के घोड़े, नौकर व अन्य चीज़ें भी बनवाई थीं. ये सभी शासक की मृत शरीर के साथ दफ़न किए गए थे.
खुदाई के दौरान खुल रहा है धीरे-धीरे राज़
लंबे समय तक की गई पुरातत्व खुदाई के दौरान यहां 2000 मिट्टी के सैनिक प्राप्त किये गए थे. वहीं, माना जाता है ऐसे 6000 और अंदर दफ़न हैं. बता दें कि चीनी पुरातत्वविद् Shen Maosheng ने 2009 और 2019 के बीच सम्राट Qin shi huang के मक़बरे की तीसरी खुदाई का नेतृत्व किया था. वहीं, जनवरी 2020 में घोषणा की गई कि शेन की टीन में और 200 मिट्टी के सैनिकों को खुदाई करके निकाला है.
आइये अब नीचे जानते हैं ‘Terracotta Army’ से जुड़े कुछ अनसुने तथ्य.
1. अपने बचाव के लिए किया था ‘Terracotta Army’ का निर्माण
अपने शासन काल में सम्राट Qin Shi Huang ने न सिर्फ़ चीन के 6 राज्यों के दुश्मनों का हराया, बल्कि उनकी हत्या भी कर दी थी. इसलिए, उन्हें डर था कि उनकी मृत्यु के बाद दुश्मन राज्यों की सेना उन पर आक्रमण कर देगी. वहीं, उन्होंने इसी वजह सैनिकों की मुंह पूर्व दिशा की ओर रखा, जहां से दुश्मनों के आने का डर था.
2. 7 लाख से ज़्यादा मजबूर
जानकर हैरानी होगी कि अब तक जितने भी मूर्ति के सैनिक खुदाई में निकाले गए हैं, वो एक दूसरे से भिन्न हैं. इससे यह पता चलता है कि कितनी दक्षता और निर्देशों के साथ ये काम किया गया था. वहीं, मूर्तियों में पदों और लंबाई का भी ध्यान रखा गया था. इनमें कुछ मूर्तिया 5 फीट लंबी हैं, तो कुछ 6, 7 और 11 फीट.
3. कोई भी सैनिक एक जैसा नहीं दिखता
जानकर हैरानी होगी कि अब तक जितने भी मूर्ति के सैनिक खुदाई में निकाले गए हैं, वो एक दूसरे से भिन्न हैं. इससे यह पता चलता है कि कितनी दक्षता और निर्देशों के साथ ये काम किया गया था. वहीं, मूर्तियों में पदों और लंबाई का भी ध्यान रखा गया था. इनमें कुछ मूर्तिया 5 फीट लंबी हैं, तो कुछ 6, 7 और 11 फीट.
4. घोड़ों की मूर्तियां करती हैं आकर्षित
यहां से निकाली गईं घोड़ों की मूर्तियां काफ़ी ज़्यादा आकर्षित करती हैं. इन घोड़ों के साथ काठी यानी Saddle भी बनवाई गई थी. इससे पता चलता है कि सम्राट Qin Shi Huang के समय काठी का आविष्कार हो चुका था.
5. सैनिकों के साथ मिले रथ
खुदाई के दौरान मिट्टी के बने सैनिकों के साथ-साथ 130 रथ भी पाए गए, जो 520 घोड़ों द्वारा खींचते दिखाई दे रहे हैं. साथ ही 150 घुड़सवार भी निकाले गए. इनमें से ज़्यादातक सम्राट की क्रब के नज़दीक दफ़नाए गए थे.
6. 2,000 से अधिक वर्षों तक छुपे रहे सैनिक
कहते हैं कि मिट्टी के ये सैनिक 2200 वर्षों तक छुपे रहे. वहीं, इनका पता तब चला जब शीआन में कुछ किसान कुआं खोद रहे थे. इसके बाद सरकार ने इस क्षेत्र को Archeological Sites घोषित कर दिया.
7. अच्छी स्थिति में हथियार
खुदाई के दौरान कांसे के बने 40 हज़ार हथियार (भाले, तीर, कुल्हाड़ी आदि) भी प्राप्त किए गए. जानकर हैरानी होगी कि ये सभी अच्छी अवस्था में थे और इन पर जंग भी नहीं लगी थी.
8. पेंट की हुई थीं मूर्तियां
जब पुरातत्वविदों ने इस क्षेत्र की खुदाई की, तो उन्हें पता चला कि मूर्तियां पहले से पेंट की हुई थीं. हालांकि, समय के साथ उनका रंग काफ़ी जा चुका था. बाद में मूर्तियों को रंग किया गया है.
9. Liquid Mercury से घेरा गया था जगह को
सम्राट Qin Shi Huang मानते थे कि Liquid Mercury से अमरता प्राप्त की जा सकती है. शायद इसलिए माना जाता है कि मक़बरे की पूरी जगह को Liquid Mercury की नदी से घेरा गया था.
10. एक प्रतिशत ही हुई खुदाई
ऐसा माना जाता है कि मक़बरे की एक प्रतिशत ही खुदाई की गई है. वहीं, सुरक्षा को ध्यान में रखकर धीरे-धीरे खुदाई का काम किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार टेराकोटा सैनिक, घोड़े, रथ और सम्राट का मक़बरा 20+ वर्ग मील के परिसर में फैला हुआ है.