इलाहाबाद (प्रयागराज) उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन ऐतिहासिक शहर है. गंगा और यमुना नदी के संगम पर स्थित ये शहर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल के तौर पर मशहूर है. इलाहाबाद का प्राचीन नाम ‘प्रयाग’ जिसे अब प्रयागराज कर दिया गया है. प्रयागराज वही तीर्थ स्थल है जहां सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है. गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम के कारण इसे ‘त्रिवेणी संगम’ भी कहा जाता है.
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इलाहाबाद (प्रयागराज) इसलिए भी मशहूर है क्योंकि हर 12 साल में एक बार यहां मशहूर ‘कुंभ मेला’ लगता है. इसके अलावा 6 सालों में एक बार ‘अर्द्धकुम्भ’ मेले का आयोजन भी होता है. इस दौरान केवल देशभर से ही नहीं, बल्कि विश्वभर से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र ‘त्रिवेणी संगम’ में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. इसलिए भी इसे संगमनगरी, कुंभनगरी, तंबूनगरी आदि नामों से भी पुकारा जाता है.
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इतिहासकारों के मुताबिक़, सन 1500 में मुस्लिम शासकों द्वारा इस शहर का नाम प्रयागराज से बदलकर इलाहाबाद कर दिया गया था. इसके बाद अक्टूबर 2018 में यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलकर फिर से प्रयागराज कर दिया. ये ऐतिहासिक शहर ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट’ के लिए भी काफ़ी मशहूर है.
चलिए आज आपको कुंभनगरी इलाहाबाद (प्रयागराज) की कुछ ऐतिहासिक तस्वीरों से रूबरू कराते हैं-
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