आज़ाद हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा दंश कहा जाता है देश का विभाजन, जिससे एक नया मुल़्क पाकिस्तान बना. इस विभाजन ने न सिर्फ़ लोगों के असल घर छीने बल्कि कई ज़िंदगियों को बर्बाद किया. वहीं, भारत से कई ऐतिहासिक संपदा भी अलग हो गईं, जिनमें भव्य प्राचीन क़िले भी शामिल हैं.
1. खापलू फ़ोर्ट
ये एक प्राचीन क़िला और पैलेस है, जो पाकिस्तान के गिलगित-बल्तिस्तान प्रांत में स्थित है. माना जाता है कि इस क़िले का निर्माण 1840 में याबगो राजवंश के राजा दौलत अली ख़ान ने करवाया था. वहीं, ये क़िला समुद्र तल से 2,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पाकिस्तान आने वाले पर्यटकों को ये क़िला काफ़ी ज़्यादा आकर्षित करता है.
2. रामकोट फ़ोर्ट
ये भी पाकिस्तान का एक एतिहासिक क़िला है, जो पाकिस्तान के मंगला बांध के पास स्थित है. माना जाता है कि इस ऐतिहासिक क़िले का निर्माण 16वीं शताब्दी के मध्य में किया गया था. वहीं, इस क़िले के बारे में ये भी कहा जाता है कि वर्तमान क़िले वाली जगह पर शिव मंदिर हुआ करता था. हालांकि, इस तथ्य में कितनी सच्चाई है, इसके सटीक प्रमाण का अभाव है.
3. बाल्टित फ़ोर्ट
पाकिस्तान में मौजूद एक और ऐतिहासिक क़िला है बाल्टित फ़ोर्ट, जो गिलगित-बल्तिस्तान प्रांत में करिमाबाद शहर के नज़दीक हुन्ज़ा घाटी में स्थित है. इसे 2004 में UNESCO की World Heritage Tentative list में शामिल किया गया है. माना जाता है कि इस क़िले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था.
4. रावत फ़ोर्ट
ये प्राचीन क़िला पाकिस्तान के रावलपिंड़ी शहर के पास पोथोहर पठार पर स्थित है. ये भी 16वीं शताब्दी के दौरान बनाए गए ऐतिहासिक क़िलों में से एक है. माना जाता है कि इस क़िले का निर्माण Ghakkar Tribe द्वारा किया गया था. इसके अलावा, ऐसा भी कहा जाता है कि इस क़िले का निर्माण शेरशाह सूरी की सेना से पोथोहर पठार को बचाने के लिए किया गया था. वहीं, माना जाता है कि इस स्थल पर कभी घक्कर के सरदार सुल्तान सारंग ख़ान और शेरशाह सूरी के बीच लड़ाई भी हुई थी.
5. लाल क़िला (मुजफ्फराबाद)
एक लाल क़िला पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में भी स्थित है. इसे ‘मुजफ्फराबाद फ़ोर्ट’ और ‘रुट्टा किला’ भी कहा जाता है. इसका निर्माण कश्मीर के चाक राजवंश द्वारा 17वीं शताब्दी में किया गया था.
6. स्कार्दू क़िला
उपरोक्त क़िलों के अलावा, पाकिस्तान का एक और ऐतिहासिक क़िला है स्कार्दू फ़ोर्ट, जिसे खारपोचो भी कहा जाता है. ये क़िला गिलगित-बल्तिस्तान प्रांत के स्कार्दू शहर में स्थित है. माना जाता है कि क़िले का निर्माण 16वीं शताब्दी के अंत में राजा अली शेर ख़ान अंचन ने करवाया था.