बॉलीवुड और हॉलीवुड फ़िल्मों में आपने अक्सर हवाई जहाज से लेकर ट्रेन हाईजैकिंग के दृश्य ज़रूर देखे होंगें, लेकिन दुनियाभर में ऐसी कई घटनाएं असल में हो चुकी हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं है. हालांकि, भारतीय सरज़मीं पर अब तक हवाई जहाज हाईजैक की घटना नहीं हुई है, लेकिन भारत में ट्रेन हाईजैकिंग की घटनायें सुनकर आप चौंक जायेंगे. भारतीय रेल इतिहास में एक बार नहीं, बल्कि कई बार ट्रेन हाईजैक हुई हैं. इनमें से अधिकतर ट्रेनों को माओवादियों द्वारा हाईजैक किया था.

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आज हम आपको भारतीय रेल इतिहास की ऐसा ही 6 घटनाएं बताने जा रहे हैं, जब फ़िल्मी अंदाज़ में पूरी की पूरी ट्रेन हाईजैक कर ली गई थी.

1- झारखंड

10 दिसंबर 2006 को माओवादियों ने पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा पर एक यात्री ट्रेन हाईजैक कर ली थी. इस दौरान 25-30 माओवादियों के एक समूह ने सुबह 10.25 बजे ‘टाटा-खड़गपुर ट्रेन’ को झारखंड के गिडनी और चाकुलिया स्टेशनों के बीच एक घने जंगलों के पास अपने कब्ज़े में ले लिया था. माओवादियों ने किसी की जान तो नहीं ली, लेकिन ट्रेन की सुरक्षा में लगे RPF जवानों से दो राइफ़लें और चालक का वॉकी-टॉकी और यात्रियों से 1 लाख रुपये की नकदी लूटकर ले गए.

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2- बिहार

13 जून 2017 को माओवादियों ने ‘धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस (13331)’ को जमुई रेलवे स्टेशन पर दिन में 1 बजे के क़रीब हाईजैक कर लिया था. माओवादियों ने लोको पायलट को बंधक बनाकर ट्रेन को 2 घंटे तक हाईजैक कर के रखा. इस दौरान उन्होंने एस्कॉर्ट पार्टी के आर्म्स और एमुनेशन लूट लिए. हालांकि, इस हाईजैकिंग में किसी भी यात्री की जान नहीं गई.

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3- बिहार

03 अगस्त, 2017 को बिहार के लखीसराय ज़िले में भालुई पैसेंजर हाल्ट रेलवे स्टेशन पर ‘दानापुर-दुर्ग एक्सप्रेस (13288)’ को माओवादियों ने रात के ढाई बजे हाईजैक कर लिया था. ट्रेन हाईजैक करने के बाद माओवादियों ने नज़दीकी मोबाइल टावर भी उड़ा दिया था. इस दौरान CRPF जवानों और नक्सलियों के बीच अंधाधुंध फायरिंग हुई, लेकिन इस हाईजैकिंग में कोई हताहत नहीं हुआ.

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4- झारखंड

साल 2009 में झारखंड में हुए विधानसभा के दौरान 250 माओवादियों ने राजधानी रांची से लगभग 125 किलोमीटर दूर लातेहार ज़िले में क़रीब 700 यात्रियों से भरी ‘गोमो-मोगुलसराय बीडीएम ट्रेन’ को हाईजैक कर लिया था. इस दौरान माओवादियों ने ये कहते हुए ट्रेन छोड़ दी है कि ये उनकी सरकार को आख़िरी वॉर्निंग है.

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5- पश्चिम बंगाल

27 अक्टूबर 2009 को भुनेशवर से दिल्ली आ रही ‘राजधानी एक्सप्रेस’ को मओवादियो ने दोपहर के समय पश्चिम बंगाल के मिदनापुर ज़िले में हाइजैक कर लिया था. इस ट्रेन को लगभग 5 घंटे बाद छुड़ाया जा सका था. इस हाईजैकिंग में भी कोई हताहत नहीं हुआ.

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6- वाराणसी

वाराणसी रेलवे स्टेशन से एक कांवड़िया पैसेंजर ट्रेन लेकर भाग निकला था. ये लोको पायलट लापरवाही थी. वो ट्रेन रोककर स्टेशन पर चाय पीने लगा था. इतने में एक कांवड़िया ट्रेन लेकर फ़रार हो गया. ख़ुशकिस्मती से कुछ दूर चलने पर ट्रेन अपने आप रुक गई. इसके बाद पुलिस इसे इलाहबाद से गिरफ़्तार कर लिया गया. जांच में ये शख़्स मंदबुद्धि निकला.

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