Map यानी मानचित्र में किसी भी स्थान विशेष की भौगोलिक स्थिति तथा सीमाओं को रेखाचित्र के माध्यम से दर्शाया जाता है. वहीं किसी काम को करने से पहले जो प्लानिंग की जाती है उसे स्टेप बाय स्टेप चार्ट पर उतार दिया जाता है. इसके अनुसार फिर उस प्रोजेक्ट पर काम किया जाता है. इसे Blueprint कहते हैं.
वैसे हम आपको ब्लूप्रिंट और मैप की परिभाषा बतलाने नहीं आए हैं. चूंकि आज की पिक पोस्ट जो है इन्हीं पर आधारित है, तो सोचा याद करवा दें थोड़ा. तो आज हम भारत के कुछ प्रसिद्ध शहरों, बंदरगाह आदि को बनाए जाने से पहले के कुछ ब्लूप्रिंट्स और मैप्स ख़ास आपके लिए लेकर आए हैं. इन्हें देखिए और समझने की कोशिश कीजिए कि ये जगहें बसने से पहले ये कैसे दिखाई देते थे.
1. चेन्नई शहर अलग-अलग चरणों में कुछ ऐसे बसाया गया था.

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2. सैन थोम फ़ोर्ट मद्रास का पुराना मैप.

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3. कोल्लम के दुर्ग का मैप 1517

4. कन्नूर का हाथ से बनाया गया मानचित्र.

5. कोच्चि और उसके दुर्ग का प्लानिंग मैप 1672

6. उत्तरी मुंबई और परेल का पुराना मैप.

7. कोच्चि का एक दुर्लभ मानचित्र(1704)

8. 1713 में एक लैटिन बुक में मिला कोझिकोड का मैप.

9. 1720 में सूरत शहर कुछ ऐसा दिखता था.

10. कोचीन(कोच्चि) का प्लानिंग मैप 1729

11. 1730 में हाथ से बनाया कोच्चि का काल्पनिक प्लान.

12. 1746 में बने मद्रास के दुर्ग का ब्लू प्रिंट.

13. 1755 में अंग्रेज़ों द्वारा मुंबई में बनाए जाने वाले दुर्ग की पहली तस्वीर.

14. कोच्चि शहर और दुर्ग का ब्लू प्रिंट 1761

15. 1764 बनाया गया मुंबई का मैप.

16. कोल्लम शहर का ब्लू प्रिंट 1764.

17. 1782 में मद्रास का दुर्ग कुछ ऐसा दिखता था.

18. कोच्चि रियासत और बंदरगाह का पुराना मैप 1833

19. त्रावणकोर के तटों का दुर्लभ मैप 1866

20. 1863 में बनाया गया भारत का नक्शा.

21. 1893 में मुंबई मैप पर कुछ ऐसी दिखाई देती थी.

22. 1924 में बनाया गया बॉम्बे(मुंबई) शहर का मैप.

हमारी ये पेशकश आपको कैसी लगी कमेंट सेक्शन में ज़रूर बताना.