भारत के मशहूर बिज़नेसमैन और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का जन्म 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ था. रतन टाटा ने एक बिज़नेस लीडर के तौर पर पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई. पिछले 60 सालों में उन्होंने ‘टाटा ग्रुप’ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम किया. रतन टाटा बिज़नेसमैन के तौर पर ही नहीं, अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं. अरबों की दौलत के मालिक रतन टाटा की लाइफ़स्टाइल बेहद सिंपल है. वो सादगीपूर्ण जीवन जीना पसंद करते हैं. वो आज देश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
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रतन टाटा जितने सफ़ल बिज़नेसमैन हैं उतने ही क़ाबिल विमान उड़ाने में भी हैं. उन्हें बचपन से ही विमान उड़ाने का बेहद शौक है. रतन टाटा 17 साल की उम्र से विमान चला रहे हैं. वो ट्रेंड पायलट हैं. वो लड़ाकू विमान F-18 और F-16 में भी उड़ान भर चुके हैं. रतन टाटा आज भी मौका मिलने पर अपने इस शौक़ को पूरा कर लेते हैं.

रतन टाटा ट्रेंड पायलट हैं और लाइसेंसधारक
रतन टाटा ने साल 2011 में बेंगलुरु एयरशो के दौरान बोइंग F-18 सुपर हॉर्नोट विमान में उड़ान भरी थी. इससे पहले साल 2007 में अमेरिकी लड़ाकू विमान F-16 में भी उड़ान भर चुके हैं. तब वो 69 साल की उम्र में अमेरिकी विमान उड़ाने वाले सबसे बुजुर्ग भारतीय नागरिक थे. देश के सबसे सफल कारोबारियों में से एक रतन टाटा ट्रेंड पायलट हैं और लाइसेंसधारक हैं, उनके पास एक ‘डसॉल्ट फ़ाल्कन 2000’ प्राइवेट जेट भी है, जिसकी क़ीमत 150 करोड़ रुपये के क़रीब बताई जाती है.

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आम तौर पर सभी पायलट को युद्धक विमान उड़ाने की अनुमति नहीं मिलती है, लेकिन रतन टाटा को हर तरह के विमानों को उड़ाने में महारत हासिल है. वो कई मौकों पर युद्धक विमान उड़ा चुके हैं. रतन टाटा देश के पहले उद्योगपति हैं, जिन्हें ‘वॉर प्लेन’ उड़ाने का मौका मिला है. आमतौर पर जिस उम्र में पायलट रिटायर हो जाते हैं, रतन टाटा उससे भी अधिक उम्र होने के बावजूद उत्साह के साथ प्लेन उड़ाते हैं. वो बेहद कम उम्र से ही कठिन परिस्थितियों में भी विमान उड़ाते आ रहे हैं.

रतन टाटा ने कराई थी विमान की सुरक्षित लैंडिंग
रतन टाटा बेहद कम उम्र से ही प्लेन उड़ा रहे हैं. उन्होंने महज 17 साल की उम्र में ही एक ऐसे प्लेन की सुरक्षित लैंडिंग करवाई थी, जिसका इंजन उड़ान के दौरान काम करना बंद कर चुका था. इस दौरान उन्होंने अपनी सूझबूझ और साहस के चलते न सिर्फ़ प्लेन को क्रैश होने से बचाया, बल्कि उसकी सुरक्षित लैंडिंग भी कराई थी. हालांकि, ये एक प्राइवेट जेट था जिसे वो ख़ुद उड़ा रहे थे.

दरअसल, रतन टाटा को विमान उड़ाने का ये शौक़ विरासत से ही मिला है. टाटा ग्रुप के भूतपूर्व चेयरमैन जेआरडी टाटा भारत के पहले लाइसेंसधारक पायलट थे. जेआरडी टाटा ने पहली बार कराची से बंबई तक हवाई जहाज उड़ाया था. उन्होंने ही टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत की थी, जिसका नाम बाद में एयर इंडिया (Air India) हो गया. वर्तमान में ‘टाटा ग्रुप’ दो एयरलाइन्स Vistara और AirAsia का संचालन कर रहा है. रतन टाटा इन दोनों ही कंपनियों के काम-काज में काफ़ी रुचि लेते हैं.
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