सिक्के (Coins) आज के दौर में बहुत ही कॉमन हो गए हैं, लेकिन इनकी एक ख़ासियत ये है कि ये कागज़ की मुद्रा से कहीं अधिक दिन चलते हैं. इनकी एक और ख़ासियत है वो ये कि सिक्के हमें इतिहास के बारे में अद्वितीय और अनोखी जानकारी भी देते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे ही सिक्कों के बारे में बताएंगे जो भारतीय इतिहास के बारे में बहुत कुछ कहते हैं.

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1. प्रारंभिक सिक्के 

ईसा पूर्व छठी शताब्दी के आसपास भारत में सिल्वर-तांबे के सिक्के इस्तेमाल होते थे. इन्हें कार्षापण कहा जाता था. इनका आकार गोल नहीं होता था पर वज़न सबका बराबर था. इन पर भारी धातुओं की मदद से आकृतियां बनाई जाती थीं. इन सिक्कों पर राजाओं की जगह प्रकृति, सूर्य, जानवर आदि की छवि उकेरी जाती थी. 

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2. भारतीय-यूनानी सिक्के 

यूनानी शासकों ने भारतीय उपमहाद्वीप पर 180 ईसा पूर्व से 10 ईसवी तक शासन किया था. इसे यवन राज्य भी कहा जाता है. इस दौरान यूनान के सिक्के भारत में इस्तेमाल किए जाते थे. इन पर यूनानी हीरे और हेलमेट, ग्रीक लिपियां, ग्रीक देवी-देवताओं और राजाओं के नाम लिखे होते थे. समय के साथ ये राजा भारतीय हो गए और बुद्ध और कृष्ण भगवान की पूजा भी करने लगे. इसलिए बाद के समय में कुछ सिक्कों पर कृष्ण भगवान के हाथों में चक्र वाले सिक्के भी देखने को मिलते हैं. भगवान कृष्ण का सबसे पहला ज्ञात चित्र यूनानी राजा Agathokles के एक सिक्के में मिला बताया जाता है.

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3. कनिष्क सिक्के  

1st शताब्दी ईस्वी में पश्चिमी चीन से आए कुषाण नामक जनजाति ने तेज़ी से उत्तर भारत में अपना राज्य स्थापित करना शुरू कर दिया था. मध्य एशिया और पश्चिमी चीन के कुछ हिस्से पर भी ये साम्राज्य फैला था. इन्होंने भारत में सोने के सिक्के (स्वर्ण मुद्रा) बनाना शुरू कर दिया. इन्हें कनिष्क कहा जाता था. इन्हें रोम के सोने के सिक्कों की देखा-देखी बनाया गया था. 

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4. रोमन सिक्के 

रोमन साम्राज्य के प्राचीन भारत के साथ व्यापारिक संबंध थे. वो भारत से बारीक बुने हुए सूती कपड़े ले जाते थे और बदले में हमें सोना दिया करते थे. 30 ईसा पूर्व में पहले रोमन सम्राट ऑगस्टस सीज़र से लेकर 600 साल बाद जस्टिनियन प्रथम तक भारत ने उनके साथ व्यापार किया. इस काल के बीच के रोम के सोने के सिक्के भारत में भी पाए जाते हैं. ख़ासकर दक्षिण भारत में इनकी डिमांड अधिक थी. वो इनका इस्तेमाल मुद्रा के रूप में कम बल्कि आभूषण बनाने में अधिक करते थे. इनसे वो हार और कान के झुमके बनाते थे.

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5. गुप्त साम्राज्य के सिक्के 

तीसरी से छठी शताब्दी ईस्वी तक गुप्त राजवंश का भारत पर राज था. इसे इतिहासकार भारत का गोल्डन पीरियड यानी स्वर्ण युग भी कहते हैं. इस काल में चारों ओर समृद्धि थी और लोग अच्छा जीवन जीते थे. इस दौरान सोने के सिक्कों (दिनार) को ख़ूब इस्तेमाल होता था. पहली बार सिक्कों पर राजा और रानी की छवि उकेर कर इन्हें बनाया जाने लगा था. उस दौर के राजा समुद्रगुप्त के सिक्के भारत में बहुत पाए गए थे. 

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वाकई में काफ़ी कूल थे ये सिक्के, है कि नहीं?