दिल्ली Delhi) देश की राजधानी होने के साथ-साथ भारत के सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक शहरों में से एक है. ये शहर कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है. पुरानी दिल्ली आज भी उस दौर की कई यादें अपने में समेटे हुए है. अगर आप कभी दिल्ली की मशहूर चांदनी चौक (Chandni Chowk) मार्किट गए हों तो आपने वहां पर सैकड़ों साल पुराने कई इमारतें ज़रूर देखी होंगी. ‘चांदनी चौक’ मार्किट में ही आपको कई ऐसी इमारतें देखने को मिल जाएंगी जिनका इतिहास बेहद यादगार है. एक ज़माने में ये इलाक़ा कई आलीशान हवेलियों के लिए मशहूर था. ये हवेलियां किसी ज़माने में दिल्ली शहर की शानो-शौकत की पहचान हुआ करती थी. आज इनमें से कुछ टूट चुकी हैं तो कुछ जीर्ण शीर्ण हालत में हैं.

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चलिए आज आपको चांदनी चौक में स्थित 5 ऐसी ही मशहूर हवेलियों के बारे में बता देते हैं जिनका इतिहास बेहद पुराना है-

1- मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली 

चांदनी चौक के बालीमारान की गली कासिम जान में स्थित ये ख़ूबसूरत हवेली किसी ज़माने में दिल्ली की शान हुआ करती थी. भारत के मशहूर कवियों में शुमार मिर्ज़ा ग़ालिब की ये ख़ूबसूरत हवेली दो मंज़िला है. 19वीं शताब्दी में ‘मुगल सल्तनत’ की पहचान इस हवेली में ग़ालिब की शायरी की झलक आज भी देखने को मिलती है. 1990 के दशक पड़ोसी दुकानों के अतिक्रमण की वजह से ये हवेली खंडहर बन चुकी थी. लेकिन बाद में ASI ने इसे अपने अधीन लेकर इसका पुनर्निर्माण किया.

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2- खज़ांची हवेली 

जामा मस्जिद के पास गली गुलियान में स्थित ‘खज़ांची हवेली’ मुगलकाल में शाहजहानाबाद की शान हुआ करती थी. मुग़ल बादशाह शाहजहां ने ये हवेली अपने खज़ांची के लिए बनवायी थी. लाल क़िले के क़रीब होने के कारण इस हवेली को एक भूमिगत सुरंग के माध्यम से लाल क़िले से जोड़ा गया था. पिछले कई दशकों से बदहवास इस ख़ूबसूरत हवेली का कुछ साल पहले पुनर्निर्माण किया गया है.

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3- छुन्नामल की हवेली 

दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित ‘छुन्नामल हवेली’ को सन 1848 में लाला राय छुन्नामल ने बनवाया था. छुन्नामल ब्रिटिश भारत के पहले म्युनिसिपल कमिश्नर हुआ करते थे. वो दिल्ली शहर के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनके पास टेलीफ़ोन और गाड़ी हुआ करती थी. अब छुन्नामल की 10वीं पीढ़ी उनकी इस हवेली की देखभाल कर रही है. क़रीब 1 एकड़ के क्षेत्र में फ़ैली इस हवेली में कुल 128 कमरे हैं.

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4- हक्सर हवेली 

ये हवेली भी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है. 19वीं सदी के शुरुआत में इसे ‘सरूप नरैण की हवेली’ के नाम से भी जाना जाता था. चावड़ी बाज़ार मेट्रो स्टेशन के सामने सीताराम बाज़ार में स्थित इस ऐतिहासिक हवेली को आज अर्ध-आवासीय और एक अर्ध-व्यावसायिक क्वार्टर में विभाजित कर दिया गया है. सन 1916 में इस हवेली का पुनर्निर्माण किया गया था. क़रीब 200 साल पुरानी इसी ख़ूबसूरत हवेली में जवाहरलाल नेहरू ने कमला कौल से शादी की थी.  

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5- बेगम समरू की हवेली 

दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित ये आलीशान हवेली एक ज़माने में दिल्ली की शान हुआ करती थी. हवेली पर पहुंचा. चांदनी चौक के ‘भगीरथ पैलेस’ के पास ही स्थित ये ख़ूबसूरत हवेली कभी नौ राजसी फव्वारों के साथ एक सुंदर बगीचे से घिरी रहती थी, लेकिन आज ये चारों तरफ़ से झाड़ियों से ढकी जीर्ण-शीर्ण हालत में है. ‘सरधना सल्तनत’ की मलिका ने 1765 में ये ख़ूबसूरत हवेली अपने पति वाल्टर रेनहार्ड्ट सोम्ब्रे के लिए ख़रीदी थी.  

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