1960-70 के दशक के अंत में अमेरिका और वियतनाम के बीच युद्ध चल रहा था, दूसरी तरफ अमेरिका के Harlem और Newark में Blue Magic नाम की ड्रग्स लोगों को अपना शिकार बना रही थी. सरकार दोनों चीज़ों से परेशान थी फिर पुलिस ने छानबीन की तो पाया कि ये ड्रग्स वियतनाम के रास्ते अमेरिका शहीदों के शवों के ज़रिये आ रही है. फिर सामने आता है अमेरिका के ड्रग्स माफिया Frank Lucas का नाम.

इसके ड्रग्स तस्करी करने के स्टाइल के बारे में अमेरिका की पुलिस भी दंग रह गई थी, कि ये कैसे सालों तक पुलिस की नज़रों से बचा रहा. इसी ड्रग्स के किंग कहे जाने वाले इस गैंगस्टर की कहानी आज हम आपको बताने आए हैं. फ़्रैंक लुकस इतना फ़ेमस हुआ था कि इस पर एक बुक और एक फ़िल्म American Gangster भी बन चुकी है. 

बचपन में ही उतर गया था ज़ुर्म की दुनिया में

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फ़्रैंक लुकस अमेरिका नॉर्थ कैरोलिना में जन्मा एक आम इंसान था, इनके घर की माली हालत बहुत ही ख़राब थी. जहां वो रहता था वहां जुर्म की दुनिया के बड़े-बड़े बदमाश रहते थे. एक दिन उन्होंने फ़्रैंक के भाई को ही अपना ग़ुस्से का शिकार बना दिया. अब फ़्रैंक के सामने घर को चलाने की ज़िम्मेदारी आ गई थी. छोटी-सी उम्र वो कभी खाना चुराकर तो कभी शराबियों की जेब से पैसे निकालकर. कुछ बड़ा होने के बाद उसने एक दुकान पर काम करना शुरू कर दिया, लेकिन छोटी-मोटी चोरियां करना जारी रखा. 

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गैंगस्टर को बनाया अपना मेंटर

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एक दिन जब दुकान का मालिक नहीं आया तो पीछे से फ़्रैंक ने 400 डॉलर चुरा लिए. मालिक को जब पैसे नहीं मिले तो उसने पुलिस को बुला लिया. अब पुलिस के डर से फ़्रैंक अपना घर छोड़कर न्यूयॉर्क चला आता है. यहां फ़्रैंक ड्राइविंग सीखता है और एक गैंगस्टर की कार चलाने लगता है. इस गैंगस्टर का नाम जॉनसन था जो उस समय का बहुत बड़ा ड्रग डीलर था. उसे फ़्रैंक बहुत पसंद था उसने ही इस जुर्म की दुनिया से जुड़े सारे रहस्य और पैंतरे उसे सिखाए. एक दिन दो गुटों के बीच हुए झगड़े में जॉनसन की मौत हो गई. 

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ड्रग्स और गैंगवॉर की शुरुआत

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1968 में जॉनसन की मौत के बाद फ़्रैंक ने उसकी जगह लेने में देरी नहीं की. अब वो जुर्म की दुनिया का नया बादशाह बनना चाहता था. इसी इरादे उसने तेज़ी से ड्रग्स को न्यूयॉर्क की गलियों में बेचना शुरू कर दिया. मगर इस धंधे में एक दिक़्क़त थी वो थी बिचौलिये, जो ड्रग्स उस तक पहुंचाते थे लेकिन बदले में तगड़ा कमीशन वसूलते थे. फ़्रैंक ने उन्हें रास्ते से हटा सारा मुनाफ़ा ख़ुद ही रखने की ठानी. इस इरादे के साथ उसने तमाम ड्रग्स देने वाले बिचौलियों को मारना शुरू कर दिया. अमेरिका में अब ड्रग्स और गैंगस्टर की लाशें दिखना आम बात हो गई थी. 

पुलिस भी पड़ गई पीछे

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ख़ैर फ़्रैंक अपने मकसद में कामयाब रहा. धीरे-धीरे अमेरिका के ड्रग्स के कारोबार पर उसका कब्ज़ा हो गया. इसी बीच पुलिस ने भी अपना काम करना शुरू कर दिया. उसने तेज़ी से ड्रग्स डिलीवर करने वालों को दबोचना शुरु कर दिया. ये वो दौर था जब फ़्रैंक को धंधा करने में मुश्किलें होने लगी. उसने इससे बचने ऐसा तोड़ निकाला, जिसे आज भी पुलिस वाले मोस्ट ऑर्गनाइज्ड क्राइम कहते हैं. 

सैनिकों के शव में स्मगल की ड्रग्स

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बात उन दिनों की है जब अमेरिका और वियतनाम के बीच युद्ध छिड़ा था. फ़्रैंक तक ड्रग्स आना बंद हो गई थी. फिर वो थाईलैंड गया और वहां की फ़ेमस Blue Magic ड्रग्स लाने का सौदा किया. अब दिक्कत एक ही थी कि इसे अमेरिका लाया कैसे जाए. ये ड्रग्स 98 फ़ीसदी शुद्ध थी और ये मार्केट में हाथों-हाथ बिक जाती, तो फ़्रैंक लुकस ने भी बहुत बड़ा दांव खेला. उसने युद्ध का फ़ायदा उठाने के इरादे से कुछ भ्रष्ट अफ़सरों को फांस लिया. उनके ज़रिये वो वियताम में शहीद होने वाले सैनिकों के शवों के साथ ड्रग्स न्यूयॉर्क पहुंचाने लगा. इसके लिए उसने ख़ास तरह के कॉफ़िन बनवाए जिसमें ड्रग्स को आराम से रखा जा सके और कस्टम में इनपर शक भी न हो, वैसे भी शहीदों के ताबूत कौन चेक करता.

पुलिस ने किया गिरफ़्तार

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अब ड्रग्स तेज़ी से अमेरिका में फैलने लगी. इसका शिकार नौजवान बच्चे ही होने लगे. हज़ारों लोगों की मौत इसके ओवरडोज़ के चलते होने लगी. पुलिस परेशान थी, तो उसने ड्रग डीलर्स को पकड़ना शुरू कर दिया. उन्हें इतनी यातनाएं दी जाती कि धीरे-धीरे उन्होंने सब उगल दिया. अब फ़्रैंक का नाम पुलिस के सामने था, पुलिस ने तुरंत न्यू जर्सी वाले उसके घर पर छापा मारा. ड्रग्स के साथ उसके घर से करोड़ों रुपये भी मिले उसे पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया. 

70 साल की हुई थी सज़ा

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1975 में उस पर सैकड़ों नौजवानों की मौत का केस चला. अदालत ने उसे 70 साल की सज़ा सुनाई, लेकिन शातिर फ़्रैंक ने यहां भी अपना दिमाग़ चलाया, उसने सभी ड्रग माफियाओं की जानकारी देने के बलदे अपनी रिहाई की शर्त रख दी. उसकी सारी जानकारी सही निकली और अमेरिका में ड्रग्स का कारोबार लगभग चौपट हो गया. 7 साल की सज़ा काटने के बाद उसे भी रिहा कर दिया गया. फ़्रैंक ने अपनी बाकी की ज़िंदगी गवाह संरक्षण कार्यक्रम में ही काटी. 

अपनी कहानी से नौजवानों को सीख लेने की दी सलाह

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कुछ समय बाद उसने अपनी कहानी लिखी-Original Gangster. 2010 में से पब्लिश किया गया था. फ़्रैंक ने नौजवानों से इस क़िताब के ज़रिये अपील की थी वो उसकी ग़लतियों से सीखें और अपना सारा ध्यान पढ़ाई पर लगाएं. आला दर्जे की शिक्षा हासिल करें और अपने सपने साकार करें क्योंकि यही सही रास्ता है. फ़्रैंक ने ये भी कहा था इस बुक से होने वाली कमाई को वो ग़रीब लोगों में दान कर देंगे. 1 जून 2019 में फ़्रैंक ने अंतिम सांस ली थी और उसी के साथ ही अमेरिका का सबसे बड़ा ड्रग डीलर इतिहास के पन्नों का हिस्सा बन गया था.