Ripped Jeans कई सालों से फ़ैशन में है. मगर हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, तीरथ सिंह रावत ने फटी हुई जीन्स पहनने वाली एक महिला को संस्कार के विरुद्ध बताया, उन्होंने कहा ऐसी महिलाएं समाज पर बुरा प्रभाव डालती हैं.
सीएम रावत का ये बयान किसी को पसंद नहीं आया. ट्विटर पर #RippedJeansTwitter ट्रेंड करने लगा. महिलाएं रीप्ड जीन्स पहनें अपनी तस्वीरें डालने लगीं. लेकिन आप को बता दें कि ये Ripped Jeans आज का फ़ैशन नहीं है. इसकी शुरुआत 1970 के समय में Punk Culture के दौरान शुरू हुई थी.
Ripped Jeans aur Kitab.
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) March 18, 2021
The country’s ‘sanskriti’ & ‘sanskaar’ are impacted by men who sit and judge women and their choices. Soch badlo Mukhyamantri Rawat ji, tabhi desh badlega. #RippedJeansTwitter pic.twitter.com/qYXcN88fY6
Punk Culture क्या है?
Punk Culture 1970 के दशक में यूनाइटेड किंगडम में शुरू हुआ था. इसकी विचारधारा खुली सोच को अपनाने की थी. सत्ता-विरोधीवाद, ख़ुद के मन की करना, भ्रष्टाचार से रहित, नौकरशाही में न दबना, हमेशा से चले आ रहे सामाजिक मानदंडों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना. आंदोलन में फ़ैशन ने एक ख़ास भूमिका निभाई. इस दौरान T-shirts, चमड़े की जैकेट, बूट्स, बालों को रंगना, कॉस्मेटिक, टैटू ये सब काफ़ी ट्र्रेंड करने लगे क्योंकि एक तरह से यह कपड़े और ऐसा रहन-सहन समाज के बनाए नियमों के विरुद्ध था.
इसमें सबसे बड़ा निशाना Denim या Jeans बनी. समाज के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा दिखाने के लिए युवा फटी हुई जीन्स पहनने लगे. इससे पहले फटी हुई जीन्स श्रमिक वर्ग को दर्शाती थी जो नई जीन्स नहीं ख़रीद सकते थे.
इस ही दौरान उत्तरी अमेरिका में फटी हुई जीन्स फ़ैशन में आ गईं. अमेरिकी म्युज़िशन Iggy Pop ने ये ट्रेंड शुरू किया. 90 के दशक में आते-आते Ripped Jeans दुनियाभर में पहना जाने लगा. आज ये आप को लगभग हर किसी की अलमारी में मिल जाएगा.