जो भी हम सच्चे दिल से चाहते हैं कुछ न कुछ करके, मेहनत-मशक्कत करके पा ही लेते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है इंदौर के देवल वर्मा की. देवल वर्मा  एक स्क्रैप आर्टिस्ट (Scrap Artist) हैं. कई मुश्किलों का सामना करने के बाद देवल ने न सिर्फ़ देश में बल्की विदेशों में भी नाम कमाया है.

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Free Press Journal से ख़ास बात-चीत में देवल ने स्वीकार किया कि वो जो करना पसंद करते हैं अगर किसी वजह से न करें तो वो दुखी और असहज महसूस करते हैं. शायद पैशनेट (Passionate) इंसानों के साथ यही होता है.  

The Better India से बात-चीत करते हुए देवल वर्मा ने बताया कि वो पोगो चैनल पर आने वाला शो M.A.D (Music, Art and Dance) देखते थे. इस शो पर आने वाले हारून रॉबर्ट या ‘रॉब अंकल’ ने उन्हें रिसाइक्लिंग का और डू इट योरसेल्फ़ (Do It Yourself) कॉन्सेप्ट (Concept) से रूबरू करवाया. कई सालों बाद देवल ने स्क्रैप मेटल (Scrap Metal) से आर्ट बनाने में अपना नाम भी बना लिया है. 

Deval Verma
अपसाइक्लिंग (Upcycling) ढंग से समझने से काफ़ी पहले से ही मैं वेस्ट मैटेरियल (Waste Material) से कार और मोटरबाइक के छोटे मॉडल बनाता था. M.A.D के हर एपिसोड के बाद मैं रॉब की तकनीक से कुछ न कुछ बनाने की कोशिश करता. मेरे पास एक छोटी सी किट थी जिसमें मैं घर और स्कूल से मिला स्क्रैप (Scrap) जमा करता था. 

-देवल वर्मा

वक़ीलों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले देवल ने इंजीनियरिंग को चुना और उनका आर्टिस्टक (Artistic) लाइन चुनने का कोई इरादा नहीं था. देवल ने बताया कि उनके परिवार में उनके पिता राजेंद्र कृष्ण वर्मा को मिलाकर 20 वक़ील हैं. शुरूआत में देवल को आर्ट (Art) से उतना लगाव नहीं था लेकिन उन्हें मेटल (Metal) किसी चुंबक की तरह ही आकर्षित करते.

Deval Verma
मैं 11वीं था जब मैंने पहली बार स्पेयर पार्ट्स (Spare Parts) से 3 इंच मोटरबाइक मॉडल बनाई थी.

-देवल वर्मा

देवल के आर्टवर्क (Artwork) के लिए उन्हें तारीफ़ें और और डिज़ाइन्स (Designs) बनाने की प्रेरणा मिल गई. माता-पिता कि इच्छा का मान रखते हुए देवल ने मेकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) की और उन्हें मेटल, मशीन्स को क़रीब से जानने का मौक़ा भी मिला. इंजीनियरिंग के दौरान ही देवल ने स्क्रैप से कई मॉडल बनाए. फ़ाइनल ईयर में देवल द्वारा स्क्रैप से बनाया हुआ Harley Davidson का Logo कंपनी के शोरूम में लगाया गया था. 

इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद देवल को उनके कई क्लासमेट्स की तरह ही जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिली लेकिन उन्होंने अपने माता-पिता को बताए बिना अपने आर्ट प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया. 

Deval Verma
मेरे माता-पिता ने आपत्ति जताई. शुरूआत में काफ़ी उतार-चढ़ाव वाला फ़ेज़ था. वेस्ट से आर्ट बनाना भारत में काफ़ी नया है. मुझे कस्टमर्स की नब्ज़ नहीं पता थी और रेवेन्यू बनाना बहुत कठिन था. कई बार मुझे संदेह हुआ लेकिन मेरे Mentors Janak Palta McGilligan और Sameer Sharma मेरा हौसला बढ़ाते रहे. 

-देवल वर्मा

Deval Verma

देवल का पहला एक्ज़ीबिशन दुबई में था जहां उन्होंने 2 किलोग्राम मेटल स्क्रैप से बनाए गिटार दिखाए. Mentors के कनेक्शन के ज़रिए ही देवल ने देशभर में कई एक्ज़ीबिशन्स (Exhibitions) में हिस्सा लिया. इसके साथ ही उन्होंने कमर्शियल मार्केट में भी एंट्री मारी और Upcycling के बारे में लोगों को जागरूक करना शुरू किया. सोशल मीडिया और वर्ड ऑफ़ माउथ (Word of Mouth) के ज़रिए उन्हें इंडिविज़ुअल कलेक्टर्स (Individual Collectors) के बारे में पता चला.

देवल ने BMW, BBQ Nation जैसी कंपनियों और मध्य प्रदेश टूरिज़्म के लिए भी इंस्टॉलेशन (Installation) बनाए हैं.

Deval Verma

देवल के कुछ आर्टवर्क्स-

Deval Verma
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