जो आया है वो जाएगा ये तो अटल सत्य है. मगर कोई कितने वक़्त के लिए धरती पर रहेगा यही सबसे Tricky Question है. अब इस पेड़ को ही देख लीजिये जिसने पृथ्वी पर पिछले 4851 साल से झंडा गाड़ा हुआ है.
जी हां, सही सुना आपने- पूरे 4851 साल. अर्थात सिकंदर के विश्व विजय अभियान से लेकर अंग्रेजों और स्पैनिश के दुनिया हथियाओ अभियान तक सब इसके सामने हुए हैं. इसका नाम मेथुसेलाह रखा गया है. ये एक देवदार (चीड़) का पेड़ है, जो Great Basin Bristlecone प्रजाति का है. ये दुनिया का सबसे पुराना Non-Clonal पेड़ है, जिसकी आयु की पुष्टि हो चुकी है.
मेथुसेलाह वृक्ष अमेरिका के कैलिफोर्निया में Inyo National Forest में प्राचीन Bristlecone Pine जंगल के अंदर कहीं है. इसकी सटीक लोकेशन को United States Forest Service ने गुप्त रखा है. ये समुद्र तल से 2,900 से 3,000 मीटर (9,500 और 9,800 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है. इसका नाम बाइबिल में वर्णित मेथुसेलाह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 969 साल की लम्बी उम्र पायी थी.
1957 में Edmund Schulman और Tom Harlan ने इस पेड़ के बारे में पता लगाया था. पेड़ के सैंपल का टेस्ट करने के बाद उन्होंने बताया कि इस पेड़ की अंकुरण लगभग 2833 BC में हुआ था. इसके बाद इस पेड़ पर रिसर्च जारी रहा, ख़ासकर उम्र निर्धारण और इतने लंबे जीवन को लेकर.
हाल ही रिसर्च में ये सामने आया है कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं को प्रकृति बहुत हद तक प्रभावित करती है. लंबा जीवन प्रकृति के नियम को थोड़ा तोड़-मरोड़ कर संभव है, ख़ासकर तब जब सभी फ़ैक्टर आपके पक्ष में हों. जैसे कि मेथुसेलाह वृक्ष.
इस प्रजाति के पेड़ों कि ख़ासियत है की ये किसी भी तरह के मौसम में भी खड़े रह सकते हैं. वो जिस ऊंचाई पर उगते हैं वहां ज़्यादा बारिश नहीं होती है. इस वजह से ये पेड़ काफी धीमे बढ़ते हैं. ये पांच के समूह में बढ़ते हैं और शुरूआती चालीस सालों तक ही हरे-भरे रहते हैं. कई सालों तक ये अपने तने पर रिंग्स भी नहीं बना पाते हैं.
ये अकेला ऐसा वृक्ष नहीं है जो हज़ारों सालों से धरती पर मौजूद है, बल्कि ऐसे कई और पेड़ भी हैं जो इससे भी ज़्यादा सदियों से हमारी धरती पर हैं, जिनके बारे में हम आपको आगे बताएंगे.