जासूस अपने देश के लिए वो जानकारी लेकर आते हैं जो सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होती है. इसके लिए वो अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं. ऐसी ही एक जासूस थीं नूर इनायत ख़ान. इन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की नाज़ी सेना की ब्रिटेन के लिए जासूसी की थी. उस जांबाज जासूस नूर इनायत की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.
टीपू सुल्तान से था रिश्ता

नूर इनायत ख़ान भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक थीं. उनके पिता हज़रत इनायत ख़ान टीपू सुल्तान के पड़पोते थे. उनकी मां अमेरिकी मूल की थीं. नूर का जन्म मास्को में हुआ था. उनका परिवार पहले रूस में रहता था लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के बाद वो ब्रिटेन आ गए थे. नूर के पिता एक सूफीवादी थे. उन्हें संगीत में भी रूची थी.
पहली महिला वायरलेस ऑपरेटर

इसलिए नूर को भी सूफीवाद और संगीत में काफ़ी दिलचस्पी थी. 1940 में नूर ने ब्रिटेन की Women’s Auxiliary Air Force जॉइन कर ली. यहां उन्होंने वायरलेस ऑपरेटर की ट्रेनिंग पूरी की. इसके बाद नूर ब्रिटेन के पूर्व पीएम विंस्टन चर्चिल द्वारा बनाई गए ख़ुफिया विभाग Special Operations Executive (SOE) में भर्ती हो गईं.
सीक्रेट एजेंट बन कर की हिटलर की जासूसी

1943 में उन्हें एक सीक्रेट एजेंट के रूप में नाज़ियों द्वारा अधिकृत फ़्रांस में भेजा गया. यहां वो मैडलीन नाम की नर्स के रूप में गई थीं. तब नूर सिर्फ़ 29 साल की थीं और अधिकारियों ने सोचा था कि वो ज़्यादा से ज़्यादा 6 हफ़्ते वहां ज़िंदा रह पाएंगी. लेकिन नूर ने कभी हार नहीं मानी. वो नाज़ियों से बचकर अपने काम को अंज़ाम देती रहीं.

नूर वहां पकड़े गए वायुसेना के जवानों को ब्रिटेन भागने में मदद करती और लंदन तक अहम जानकारियां पहुंचाती रहीं. फ़्रांस में धीरे-धीरे कर उनका नेटवर्क ख़त्म होता गया लेकिन वो बची रहीं. मगर एक दिन उन्हें एक फ़्रांसिसी महिला ने पकड़वा दिया.
नाज़ियों के सामने नहीं खोला मुंह

नाज़ी सेना ने नूर को दखाऊ कंसन्ट्रेशन कैंप में रखा था. यहां नाज़ियों ने उन्हें ख़ूब प्रताड़ित किया लेकिन नूर ने कभी अपना मुंह नहीं खोला. 13 सितंबर 1944 की सुबह उन्हें सिर के पीछे गोली मार दी गई. नूर के आख़िरी शब्द Liberte यानी आज़ादी थे.
मरणोपरांत हुई सम्मानित

नूर को अदम्य साहस का परिचय देने के लिए मरणोपरांत जॉर्ज क्रॉस से ब्रिटेन ने सम्मानित किया था. यही नहीं फ़्रांस ने भी उन्हें French Croix de Guerre के सिलवर स्टार से सम्मानित किया था. नूर इनायत ख़ान पर श्रावनी बसु ने ‘स्पाइ प्रिंसेस: द लाइफ़ ऑफ़ नूर इनायत ख़ान’ नाम से एक किताब भी लिखी है. नूर इनायत ख़ान पर एक हॉलीवुड फ़िल्म A Call To Spy भी बन चुकी है. इसमें एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने उनकी भूमिका निभाई थी.