अगर आप भी दिल्ली (Delhi) की मशहूर ‘चांदनी चौक’ (Chandni Chowk) मार्किट गए हों तो आपने ‘छुन्नामल हवेली’ ज़रूर देखी होगी. ‘चांदनी चौक’ मार्किट की मुख्य सड़क पर स्थित ये हवेली किसी ज़माने में दिल्ली शहर की शानो-शौकत की पहचान हुआ करती थी. आज ये हवेली दिल्ली आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है.
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दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित ‘छुन्नामल हवेली’ को सन 1848 में लाला राय छुन्नामल ने बनवाया था. छुन्नामल ब्रिटिश भारत के पहले म्युनिसिपल कमिश्नर हुआ करते थे. वो दिल्ली शहर के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनके पास टेलीफ़ोन और गाड़ी हुआ करती थी. अब छुन्नामल की 10वीं पीढ़ी उनकी इस हवेली की देखभाल कर रही है.
पंजाबी खत्री परिवार से ताल्लुक रखने वाले लाला राय छुन्नामल म्यूनिसिपल कमिश्नर के पद से रिटायर होने के बाद चांदनी चौक में ही बिज़नेस करने लगे थे. ये वही फ़ैमिली है जिसने देश की पहली ‘Textile Mill’ की नींव रखी थी.
इस हवेली में हैं 128 कमरे
क़रीब 1 एकड़ के क्षेत्र में फ़ैली इस हवेली में कुल 128 कमरे हैं. किसी ज़माने में इसमें ‘छुन्नामल परिवार’ के 30 सदस्य रहते थे. मगर अब ज़्यादातर फ़ैमिली मेंबर्स ने हवेली के अपने हिस्सों को बंद कर दिया है. आज छुन्नामल के वंशज या तो विदेशों में रहते हैं या फिर शहर के दूसरे इलाक़ों में शिफ्ट हो गए हैं.
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वर्तमान में हवेली का अधिकांश स्वामित्व छुन्नामल के वंशज ‘प्रसाद और मोहन फ़ैमिली’ के पास है. वही इसकी देखरेख भी करते हैं. साल 2016 में जब हवेली के मालिक सुनील मोहन से पूछा गया कि क्या भविष्य में वो इस हवेली को बेचना चाहेंगे तो उन्होंने साफ़ इंकार कर दिया था.
BBC से बातचीत में सुनील मोहन ने कहा था, ‘मैं ऐसा नहीं करना चाहता, मैं इसकी देखभाल कर सकता हूं जिसमें मेरे ख़ुद के पैसे लग रहे हैं. मैं खुद को दिल्ली के किसी भी दूसरे हिस्से में नहीं देख सकता. मैं इसी हवेली में रहना चाहता हूं जहां मेरे पूर्वज रहते थे और उन्होंने यहीं इतिहास के बहुत सारी चीज़ें देखी हैं’.
इस ख़ूबसूरत हवेली की सबसे अच्छी बात ये है कि इसकी छत से ‘चांदनी चौक’ का दिलकश नज़ारा दिखता है. संकरी सीढ़ियों से ऊपर जाते रास्ते आपको इसकी शानो-शौकत को दिखाते हैं. इस हवेली में एक बेहद ख़ूबसूरत आईना भी लगाया गया है, जिसे बेल्जियम का बताया जाता है.
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हवेली के मालिक सुनील मोहन के प्रवक्ता अमित वाही ने कहा, हवेली को बेचने की वजह सिर्फ यही है कि छुन्नामल परिवार के सभी लोग अब देश से बाहर हैं. प्रॉपर्टी इतनी बड़ी है कि इसकी देखरेख करने के लिए फिलहाल कोई नहीं हैं. सुनील मोहन की भी फ़ैमिली भी विदेश में ही रहती है, जो इस प्रॉपर्टी के शेयर होल्डर हैं.
छुन्नामल फ़ैमिली इस हवेली को इन फ्यूचर ‘डेस्टिनेशन पॉइंट’ की तरह इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है. चांदनी चौक डिज़ाइनर्स का हब है. ऐसे में कई बड़े डिज़ाइनर इसमें अपने आउटलेट्स खोल सकते हैं. इस इलाक़े में विदेशी टूरिस्ट और यूथ काफ़ी आता है. इसलिए यहां कैफ़ेज़ ओपेन हो सकते हैं. हम चाहते हैं कि इतनी बड़ी प्रॉपर्टी का री-यूज़ हो.