जंग के मैदान में जब बम बरसते हैं, तो सिर्फ़ सैनिकों के शरीर ही नहीं, बल्कि उनके दिमाग़ी हालात के भी चिथड़े उड़ जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जो सैनिक आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध लड़ रहा होता है, अगले ही पल उसके मुर्दा जिस्म के खून से सने लोथड़े ज़मीन पर नज़र आते हैं. ये दृश्य सैनिकों को मानसिक तौर पर हिलाकर रख देता है. इसे शेल शॉक (Shell Shock) के नाम से जानते हैं.
इस शब्द का इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक चार्ल्स सैमुअल मायर्स ने किया था. पहले इसके लिए पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) शब्द का इस्तेमाल होता था. ये एक मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या है, जो किसी ऐसी भयानक घटना से उत्पन्न होती है जिसे व्यक्ति ने ख़ुद अनुभव किया या देखा होता है.
इस डिसऑर्डर से पीड़ित होने पर व्यक्ति को सामान्य चीजें करने और सोचने में भी परेशानी आती है. उसके दिमाग़ में हर वक़्त वही घटना चलती है. धीरे-धीरे वो रिएल्टी से दूर और डिप्रेशन के क़रीब पहुंच जाता है.
आज हम आपको जंग के दौरान शेल शॉक से गुज़रते सैनिकों की कुछ विचलित कर देने वाली तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं.
1. इस सैनिक के चेहरे पर हंसी और आंखों में सदमा नज़र आएगा.

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2. जब दूर-दूर तक सिर्फ़ मौत नज़र आए.

3. जब खुली आंखें अंधकार देखने लगें.

4. शेल शॉक के रूप में ‘वॉर न्यूरोस’ से पीड़ित सैनिक

5. शेल शॉक से प्रभावित WWI सैनिक के उपचार से पहले और बाद का फुटेज
6. जब किसी युवा मरीन की निगाहें देखकर भी देखना बंद कर दें.

7. वियतनाम में अमेरिकी गश्ती दल के नेता.

8. अपने शेल शॉक को कंट्रोल करने की कोशिश करता हुआ एक सैनिक.

9. इस सैनिक की आंखें भले ही कुछ न देख पा रही हों, लेकिन इस सैनिक की आंखों में बहुत कुछ दिख रहा है.

10. शेल-शॉक से प्रभावित WWI के सैनिक का अमेरिकन रेड क्रॉस में उपचार.

11. इलाज के दौरान बम शब्द सुनते ही इस सैनिक ने कुछ यूं रिएक्ट किया.

12. शेल शॉक से उबरता सैनिक.

13. घायल सैनिक की मदद करता जवान.

14. शेल शॉक से प्रभावित घायल सैनिक का उपचार.

15. ब्लैकबेरी तोड़ने को WWI में शेल शॉक के उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.

उम्मीद है कि इन तस्वीरों को देखने के बाद युद्ध को खेल समझने वाले सबक लेंगे.